aman gupta  
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Joined 15 December 2018


Joined 15 December 2018
11 FEB 2019 AT 7:25

Someone: "बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी,
उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।"

Me: "चलिये जरा नकाब हटाकर गर्दीश के शहर मे,
परदो मे रहकर इल्जाम देना मुनाशिब नही है"

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11 FEB 2019 AT 7:17

नज़रो की क़यामत में वो अरमान हो गए ,

लव खोले उन्होंने जो मुहब्बत में फरमान हो गए .

उनकी ख्वाहिश थी परिंदो सी उड़ान भरें वो...

लो उनकी लत में हम आसमान हो गए.......

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11 FEB 2019 AT 7:02

ज़िंदगी से सिकवा नही की उसने गम का आदी बना दिया

गिला तो उनसे हैं जिन्होंने रोशनी की उम्मीद दिखा के दिया ही बुझा दिया

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11 FEB 2019 AT 6:55

होते नहीं तबादले........ मुहब्बत करने वालो के,.....

वो आधी रात को भी ........तन्हाई में तैनात मिला करते है .....!!

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16 DEC 2018 AT 19:28

सिर्फ
इतना ही फर्क पड़ा है,
चेहरे की हँसी पर...

पहले आती थी,
अब लाते हैं....।

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16 DEC 2018 AT 19:22

कभी-कभी हम ग़लत नहीं होते लेकिन
हमारे पास वो शब्द ही नही होते जो
हमें सही साबित कर सकें!!

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15 DEC 2018 AT 23:50

वफा के नाम को आशिक कभी रुसवा नहीं करते..
कटा देते हैं गर्दन मगर
सिकवा नहीं करते!!!

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15 DEC 2018 AT 21:13

First Love💕 Never Dies, But Something Dies In first love😥😥

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15 DEC 2018 AT 21:07

अपमान एक ऐसा कर्ज है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति हमेशा चुकाने के लिए तैयार रहता है!!

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