You never have to prove yourself or explain yourself to anyone.
Simply be true to yourself, of course without harming others, and wish people well who misunderstand you.
It's ok.,Let people misunderstand you.
The person who matters most in your life is the one looking back in the mirror. Privacy is golden People can't ruin what they have no idea exists.....-
बस कर अब तू बस कर
और ख्वाब मुझे मत दिखा तू
खुश हूं मैं अपनी दुनिया में
अब रुलाने की नई तरकीबें मत बना तू
अच्छे बने चरित्र पर जब आता है कोई इल्जाम
दिल दुखी बहुत होता है
रोता है पल पल यह ,मरने का जी भी होता है
बस कर अब तू बस कर
और इलजाम सहे जाएंगे नहीं
टूट चुकी हूं अंदर से बहुत
बोल प्यार के अब कहे जाएंगे नहीं।
-Aman Deep
-
अपनी अच्छाई पर मैं क्या गुरूर करूं
किसी की कहानी में शायद मैं भी गलत हूं....
-
दो मुसाफ़िर चल रहे थे अपनी अपनी डगर पे
गुमराह हो गए
जब वो दोनो आपस में टकरा गए-
तकलीफ न हो उनको सहारा दिया हमने
हमें तकलीफ़ तब हुई जब यह पता चला
कि अब तकलीफ़ है उनको हमसे।-
ए रात कहाँ से तू आती है
और कहाँ चली जाती है
कराती है कभी दर्द भरे लम्हे याद
कभी मीठी नींद दे जाती है
ए रात कहाँ से तू आती है और
कहाँ चली जाती है
यह चाँद तेरा पहरा करता
अंधेरो को तेरे रोशन करता
अरमानों के सपने दिखा के
उम्मीदों का नया सवेरा दे जाती है
ए रात कहाँ से तू आती है
थके हुए को आराम तू देती
दिन बदल जायेंगे पैग़ाम ये देती
कभी याद पुराने किस्से करा के
खुद से रूबरू तू कराती है
ए रात कहाँ से तू आती है
और कहां चली जाती है
-AmaN DEeP-
एक रास्ता ऐसा भी
एक रास्ता ऐसा जो मंज़िल तक पहुंचाता है
एक रास्ता ऐसा भी जो मकसद से भटकाता है
एक रास्ता ऐसा जो मोहब्बत को खुदा बताता है
एक रास्ता ऐसा भी जो अपनों की अहमियत बताता है
एक रास्ता ऐसा जो भीड़ के साथ गलत दिशा ले जाता है
एक रास्ता ऐसा भी अकेले ही सही दिशा में ले जाता है
एक रास्ता ऐसा जो सपने हज़ार दिखलाता है
एक रास्ता ऐसा भी जो हकीकत से हाथ मिलाता है
एक रास्ता ऐसा भी......
-
खुश हूं मैं खुदा तेरी रज़ा में
देर से भले ही देता है तू
देता जरूर है....-
समय दौड़ रहा है
मैं क्यूं हूं यहीं पर खड़ी
क्या है मन में मेरे
क्यूं हूं अपनी ही जिद्द पे अड़ी
न समझ पा रहीं हूं खुद को
क्या हूं मैं और क्या हूं करना चाहती
आए दिन घिरती हूं
कश्मकश में बड़ी
समय दौड़ रहा है
क्यूं हूं मैं यहीं पे खड़ी ....-
नहीं भरोसा ज़िंदगी का कब मौत आन खड़ी हो जाए
उम्मीदें सब रहें अधूरी ख्वाब भी धरे के धरे रह जाए
मौत का दौर चल रहा है,मांग कर माफी सबको माफ कर दो
क्या पता इस बुरे वक्त के साथ कब हम ही गुजर जाएं...-