ये हर नयी सी बात पर हंसते हंसाते लोग
अच्छे तो होते हैं मगर प्यारे नहीं होते
- अमन अक्षर-
जो जनम के साथ दिव्यता के सर्वनाम हैं
और जनम से छूटकर भी बन गए प्रणाम हैं
राम देह कर्म भी हैं आत्मा का काम हैं
साथ हैं तो राम हैं नहीं तो राम राम हैं
- अमन अक्षर-
ऐसे कामों में थोड़े से पल जाते हैं
दिल अगर रख लो दिल भी बहल जाते हैं
इक असर इन दवाओं का इतना है बस
ज़ख्म भरते नहीं हैं बदल जाते हैं
अमन अक्षर-
जो मनाने से मान जाती है
उस मुहब्बत की शान जाती है
तुम तो इक दम से उठ के जाते हो
इस तरह से तो जान जाती है
अमन अक्षर
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कब कहां इस बहाने से रोते हैं हम
साथ के छूट जाने से रोते हैं हम
मौत रोने की मोहलत भी देती नहीं
एक जीवन के जाने से रोते हैं हम
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बूंद के भाग्य में है समंदर लिखा
प्यास का भाग लेकिन है पानी नहीं
जिसको देखे बिना उम्र ही काट दी
उसको देखे बिना मौत आनी नहीं-
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(सब नया सुनाऊंगा)-
मुझको मेरी आवाज़ों ने
चलने से पहले टोका था
तुम तन्हा हो सोच के ख़ुद को
रुकने से भी रोका था
मेरी आंखों के आगे तो निश्चल सा संसार है
जिसने हमको दूर किया था सो भी अपना प्यार था-