आपके आस पास बैठे
लोगों को आपकी बातों
से परेशानी नही होना चाहिए,
क्यों कि कभी कभी बातें
भी प्रदूषण की तरह
नुकसानदेह होती हैं ।
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हवा दे या बुझा दे
(09050713200)
✍️Script Writer✍️
हम से ना पूछए साक़ी तक़ाज़े इश्क़ के
हमने कांधो पे उठाए हैं ज़नाज़े इश्क़ के-
ये जानने के लिए ' चीज़ कैसे टूटी है..'
मैं बार बार गिराई गई बलन्दी से !!!
कोमल जोया-
बेहतर को बेहतर समझने के लिए बेहतरीन सोच की जरूरत होती है ।-
ग़ज़ल..
कोन समझेगा मेरी फ़रियाद का दुख़
एक तो दुख़ फ़िर किसी की याद का दुख।।
उस परिंदे ने भुला दी है रिहाई
सुन लिया जबसे उस सय्याद का दुख।।
है हमारी ही बदौलत सारा बिखराव
कहकशाए है मिरी ईजाद का दुख।।
इक तरफ़ सारे मसीहा आजमाए
इक तरफ़ हमसे किसी बरबाद का दुख़।।
अक्ल रूठी तो खुली इक और दुनियां
समझ आया मिरे अजदाद का दुख़।।
आप है अपनी असीरी से परेशां
और हमें मालूम है आज़ाद का दुख।।
Syed Waqar-
अंधेरे में कौन साथ देता है,
परछाई भी उजाले में साथ चलती है।-
मैं बुझ रहा हूँ,मुझे जला दीजिये
हाँ मैं बीमार हूँ,दवा दीजिये मुझे,
वो पहचान लेता है,मेरी काविशें
गलत निंशा हूँ,मिटा दीजिये मुझे,
कातिल हूँ,मैं तेरी खुवाहिशों का ,
बेझिझक अब सजा दीजिये मुझे,
तुझसे अब नही होगा कत्ल मेरा,
अपनी बाहों में सुला दीजिये मुझे,
तेरे ख्वाब सताने लगें हैं, मुझको,
और इस सहर उठा दीजिये मुझे,
हाय फिर तेरी यादों की हिचकियाँ,
नही नही अब भुला दीजिये मुझे,-
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कुछ भी जाया मत करो, कुछ भी,
जिस से तुम नफरत करते हो उसे पता होना चाहिए ।
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