Ye jaljala logon ka badalta nahi
Hum vakt ko sambhalte hein
Par,vakt sambhalta nahi
Na jaane kon se zid pakdi hai sabne
Ghar mein ujale hote hein
Par dil ka diyan jalta nahi...-
Khushnuma hai sama Zaroor
Par Khus kaun hai?
Muddat se milti hai khusiyan
Itna khushnaseeb kaun hai?-
क्या शिक्वा,क्या गिला करें?
पीठ पर खंजर भोंकने वालों में
कुछ अपने भी थे।-
दुआ न सही बद्दुआ में याद रखना
दोस्ती न सही दुश्मनी में साथ रखना
बात बस इतनी सी है हो जाए गलती
तो दिल से माफ करना।-
हवा के झोंके अक्सर रिश्ते तोड़ जातें हैं
उनसे उलझकर अपने हमारा साथ छोड़ जातें हैं
हर किसी को हमारी खुशियाँ रास नहीं आती
वही गलतफहमियों की गांठ जोड़ जातें हैं।-
वक्त की मार से भला कौन बचता है?
जो संभलकर चलना चाहे
अक्सर वही गिरता है।-
जिंदगी कुछ ऐसे बीती
न वक्त का पता चला,न खुद का
रिश्ते निभाते-निभाते
हम खुद मिट गये
शायद यही कुसूर था जिदंगी का।
-
मिल गया तू पर,
तुझमें अब वो बात नहीं
छोड़ा था जिसे हमनें
वो अब तेरे साथ नहीं।-
तुम्हे बद्दुआ क्या दें
तुम्हें तो हमारी दुआ भी कुबूल नही
वक्त गुजर रहा है यूंही सोचने में
कहाँ हम थे गलत? , कहाँ तुम थे सही?-
सब कुछ है
फिर भी कुछ कमी सी है
तेरे ना होने से
मेरी आंखों में नमी सी है.!-