एक ही शख्स से आप बार-बार मोहब्बत करते रहे
इससे बेहतर कोई इश्क़ नहीं होता_!!-
हजारों महफिले और लाखों मेले है
पर जहाँ हमें कोई मनाने वाला नहीं
वहाँ हम अकेले हैं_!!-
सिर्फ महीने, तारीखें और साल बदल रहें हैं
तुम क्युं फिक्र करते हो हमारे इश्क़ का
रूख थोड़ी बदल रहा हैं_!-
मोहब्बत भी गुलाब की तरह होती हैं
बड़ी ही कोमलता से ख्याल रखना पड़ता हैं
और यदि तुम्हें बेहद इश्क़ हैं, तो
प्रेम को बड़ी ही सरलता से संवारना पड़ता हैं-
अब इसे चाहे दुनिया ख़ता समझे तो, समझे
अब मोहब्बत होनी थी सो हो गई_!!-
माँ बाप की पूरी जिंदगी तुम्हें संवारने में गुज़र जाती हैं
और उस शख़्स के खातिर जिसको आए तुम्हारी ज़िंदगी में दो पल नहीं हुए उसके साथ भाग जाती हो
अरे अपने उपर कुछ तो शर्म करलो, ज्यादा नहीं तो
कम से कम अपने माँ बाप को खुश रखने का वादा तो करलो__-
मंद-मंद इस हवा की तरह हो तुम
इस हवा में महकती खुश्बू की तरह हो तुम
जाने ये इश्क़ मुकम्मल हो ना हो, पर
हर वक़्त महसूस होने वाला..
वो खूबसूरत एहसास हो तुम_!!-