मोहब्बत बाकी है,
पर हिम्मत नहीं रही…
लौट आने की ख़ुशी
ना जाने क्यों डराती है।-
दिल से इज्जत करे बस इतना काफ़ी है
शायरी तो करता रहता हूँ मै... read more
जो मोहब्बत न हुई मुकम्मल, तेरी मर्ज़ी उसमें भी सही।
गर हो तेरी रज़ा, ऐ मौला, पहली दुआ में बेटी मिले।
अपनी रानी को तो रानी ही रखूंगा मैं ताउम्र,
मगर अपनी बेटियों पर, सारा प्यार लुटाऊंगा।
अपनी हर साँस, हर चाहत खर्च कर,
उनके हर सपने को हक़ीक़त बनाऊंगा।
ऐ मेरे खुदा, बस यही एक आखिरी आरज़ू है मेरी,
कि हर दुआ से पहले, बेटियां नसीब हों मेरी!-
Reet tumhare hatho me jalan to nahi hui,
Bagiche ki mehendi hatho se peesh kr nahi di,,
Rakib janta to hoga hal tumahra mehadi se allergy ka,
Kuch dawaiyan aaj bhi sambhali hai maine,,-
Mere Maa baap ne bacha liya un samjh ke char logon se,
Jab maine bola haar gaya mohhabt me khud ko barbad kar ke,
Bola unhone tune nahi chhoda sath uska ye humare sanskar the,
Usne chhod diya tujhe tere hal pe wo uske maa baap ke sanskar the,-
मैं, उसका पसंदीदा मर्द था,
अब उसकी पसंद बदल गई,
बाप की इज्जत के खातिर,
मुझे रोकर अलविदा कर गईं,
-
इन्हीं गलियों में घूमूंगा तेरे जाने के बाद,
लोग बेवफा कहे तुझे तेरे जाने के बाद,,
जब जिंदगी में आये थे तभी कहा था मैंने,
देखो छोड़ जाओगे तुम मेरे होने से पहले,,
मौत आएगी ना जाने कब किस घड़ी,
वादा किया है तुमने आओगे मय्यत में मेरी,,
होगा अंश किसी या का तुम्हारे साथ ,
अग्नि देगा मुझे ऐसे वादे निभा पाओगे रीत,,-
रोता था शराब पीकर तुम्हारी याद में रीत
कमबख्त हम शराब से बेवफाई कर बैठे-
हाथ पकड़ा, हक़ जताया,
दोस्त बने, दिल लगाए,
प्रेम दिखाया, प्रेम जताया,
बाप की इजाज़त, मुझे सिखाया,
अलग हुआ, धोखेबाज बताया,
उससे ब्याह रचाया, मुझे दफनाया,
-