कभी कभी जिंदगी को समझना बहुत मुश्किल होता है
सब कुछ बिखरता हुआ लगता है।-
पूछा जाएगा मुझसे उसका शीर्षक.....❣️
में उस रिक्त स्थान को तुम स... read more
बहुत दर्द देते हैं वो गांव जो समय पर नहीं भर पाते
चुभती हैं खुद की ही परछाई जो सीसे में उतर आती है
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मेरी इन आंखों में छुपी उदासी देखी नहीं किसी ने
नींद आई भी तो मेरी तनहाई ने मुझे सोने न दिया।
उदास इन आंखों में मेरे भी ख्वाब थे कहीं मगर
गम ने हंसने न दिया और जमाने ने रोने न दिया।
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आज कल उदास बहुत रहती हूं
पर चाहा के भी तुम्हें कुछ बता नहीं पाती हूं
तुम समझोगे शायद खामोशी मेरी और
इसीलिए चुप रहती हूं मैं-
जिन्दगी ने हर वक़्त मेरा इंतहान लिया है
जो चाहा मैंने उसे ही मुझसे दूर किया है
और अब नहीं रखती में कोई भी ख्वाहिश
हर ख्वाहिश ने मेरे साथ मज़ाक किया
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मैं अक्सर उदास रहती हूं सोच कर तेरी बातें
क्या तुम सच में पुरे कर पाओगे मेरे अधूरे ख्वाब-
मोहब्बत तों हमसे ज्यादा है उनको हमसे
अफसोस बात उनके लवों पर दुनिया की आ जाती है-
सपनों के जहां में रखा ही था कदम मेंने
की फिर से आंख खुल गई ।
लोट आई में फिर उसी दुनिया में वापस
जहां से कुछ पल के लिए निकल आईं थीं।-