Alok Singh   (Random_विचार /aks✍️)
32 Followers · 27 Following

Joined 27 February 2020


Joined 27 February 2020
28 JAN 2024 AT 17:11

बेफिजूल के वादों से,
समाज के झूठे लोग,
और उनकी झूठी अल्फ़ाज़ों से।

-


11 OCT 2022 AT 18:59

घना अंधेरा चारों तरफ,
मन भी निराशा से भर गया है।
अब तुम ही कोई रह दिखाओ, "माधव"
ये दिल अब पूरी तरह बिखर गया है।।

-


27 AUG 2022 AT 12:04

कुछ ख़ास होती हैं।
दिन भर की सारी थकान भूल जाता हूं ,
जब चाय मेरे पास होती है ।
एक घुट से सुबह शुरू तो दूसरे से शाम होती ही ,
हर tea lover के लिए तो चाय जान होती है।।

-


22 AUG 2022 AT 21:53

यूं ख़ामोश रहकर, मुझे न सजा दो ।


-


10 AUG 2022 AT 21:28

आहट सुनके जाग गया मैं ।
बात वो अनकही रह गई आज भी ,
खामोशी में जो कह गए तुम।।

-


9 AUG 2022 AT 18:28

हाल-ए-दिल का संवाद न हो सका ।
दर्द सारे, उतार दिए मैंने पन्नों पर,
कमबख्त...! कभी अल्फाज़ न हो सका ।।


-


9 AUG 2022 AT 10:31

The debt of love 💕,
given by my Love ones..!

-


4 AUG 2022 AT 10:08

सच अगर जान लेते तेरा ,
न मिलते कभी तुझसे,
न होता कभी ये प्यार गहरा ।।

-


29 JUL 2022 AT 19:05

मेरी जरूरतें, मुझे कभी रुला न सके।

-


29 JUL 2022 AT 16:47

है ,
बस जिदंगी में इतना काबिल बन जाऊं,
की कभी किसी से कुछ मांगने की जरूरत न पड़े ।

-


Fetching Alok Singh Quotes