बेफिजूल के वादों से,
समाज के झूठे लोग,
और उनकी झूठी अल्फ़ाज़ों से।
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Alok Singh
(Random_विचार /aks✍️)
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Joined 27 February 2020
11 OCT 2022 AT 18:59
घना अंधेरा चारों तरफ,
मन भी निराशा से भर गया है।
अब तुम ही कोई रह दिखाओ, "माधव"
ये दिल अब पूरी तरह बिखर गया है।।
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27 AUG 2022 AT 12:04
कुछ ख़ास होती हैं।
दिन भर की सारी थकान भूल जाता हूं ,
जब चाय मेरे पास होती है ।
एक घुट से सुबह शुरू तो दूसरे से शाम होती ही ,
हर tea lover के लिए तो चाय जान होती है।।
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10 AUG 2022 AT 21:28
आहट सुनके जाग गया मैं ।
बात वो अनकही रह गई आज भी ,
खामोशी में जो कह गए तुम।।
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9 AUG 2022 AT 18:28
हाल-ए-दिल का संवाद न हो सका ।
दर्द सारे, उतार दिए मैंने पन्नों पर,
कमबख्त...! कभी अल्फाज़ न हो सका ।।
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4 AUG 2022 AT 10:08
सच अगर जान लेते तेरा ,
न मिलते कभी तुझसे,
न होता कभी ये प्यार गहरा ।।
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29 JUL 2022 AT 16:47
है ,
बस जिदंगी में इतना काबिल बन जाऊं,
की कभी किसी से कुछ मांगने की जरूरत न पड़े ।
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