ALOK Sharma...✍️  
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Joined 23 January 2019


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16 MAR 2022 AT 20:39

तना तनी आपस मे ऐसी, सब तन गया।
दूर तक चलकर न जाने कहाँ मन गया।।

ऊपर आसमा नीचे धरती बीच खड़े रह गए,
देखते-देखते सामने अचानक सब जम गया।।

ये जद्दोजहद क्यों खींचातानी होती रहती,
भागादौड़ी आपाधापी में, सब जन गया।।

दर्द पे दर्द मिले घाव कई बनकर मिटते गए,
टीस बची रह गयी दिल मे जो था ग़म गया।।

शुरुआत हुई सफर की जिन बातों से उन,
बातों का न जाने कब सिलसिला थम गया।।

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10 MAR 2022 AT 23:49

" I HATE YOU "

I hate you whenever a person says like this sometime or one time or last time, especially the person who loved before, it means that they has started loving now more than before. It is the voice of the soul that tells that he does not hate those whom they loves, but genuinely loves them. They want their special person whom they love to understand this feeling of theirs, because the mere saying of this sentence does not create hatred if in reality the love was true, was from the soul or was the will of God. otherwise they realy hate them and not interested in them like before in love now.

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10 MAR 2022 AT 0:09

" नाम ख़ुद से जोड़ दिया "

कुछ दूर तक चलकर बिन कहे साथ छोड़ दिया।
हमारे हाथ पकड़ने से पहले ही हाथ छोड़ दिया।।

जो कहना था कह न सके, आस में खड़े रह गए।
बोलकर बस एक बात, रिश्ते नाते सारे तोड़ दिया।।

जा रहे थे सीधी नाक पर बढ़ते मंजिल की ओर।
पलटकर ज़िंदगी उल्टी दिशा में रस्ता मोड़ दिया।।

रत्ती- रत्ती टूट कर सब अंदर ही अंदर बिखर गया।
तन खड़ा रह गया मगर रूह की गर्दन मरोड़ दिया।।

पास आये भी तो क्या, मन से दूर दूर तक न दिखे।
मिलकर मिले न कभी बस नाम ख़ुद से जोड़ दिया।।

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12 JAN 2022 AT 1:16

सफ़र कभी रुकता नही,
चलता ही रहता है..कभी तेज़, तो कभी मन्द।
लड़खड़ाओ.., डगमगाओ.. या फिर,
पूरी तरह पस्त होकर गिर जाओ !
उठना तो पड़ेगा ख़ुद से ही...।

अंतर्मन युद्ध रुकता नही,
चलता ही रहता है..कभी कम, तो कभी ज्यादा।
फड़फड़ाओ.., चिल्लाओ.. या फिर,
पूरी तरह अस्त होकर घिर जाओ !
डटना तो पड़ेगा ख़ुद से ही..।

समय कभी रुकता नही
चलता ही रहता है..कभी विरुद्ध तो कभी अविरुद्ध।
चिड़चिड़ाओ.., झल्लाओ..या फिर,
पूरी तरह ध्वस्त होकर बिखर जाओ !
सिमटना तो पड़ेगा खुद से ही..

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8 DEC 2021 AT 23:48

ज़िन्दगी भर दी कांटो से।
गुलाब आया किसी और के हिस्से में ।।
इश्क़ में बदनाम हुए इस क़दर।
लोग पढ़ते हैं अब कहानी किस्से में ।।

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29 NOV 2021 AT 4:49

छोड़ा नही मगर,
कहीं का छोड़ा नही।
टूटा बहुत अंदर मगर,
दिल जोड़ा नही।
बांध कर यादों की डोर से दूर हुए जो,
एहसासों का बंधन क्यों वो तोड़ा नही।।
लड़खड़ाते क़दमो से ज़ुबा के लफ़्ज़ों से,
ज़िंदगी मे दर्द जो मिले बहुत थोड़ा नही।।

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23 AUG 2021 AT 15:15

मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िदंगी

सबकी ढाल और मजबूत सहारा था,
घर में भी सबसे प्यारा था।
ज़िद थी पाने की सपनो को,
उम्मीदें थी मुझसे कई अपनो को।

दर्द की अंतिम सीमा पर,
मरते छोड़ चली यूँ ज़िन्दगी।
थी जरूरत मुझसे जिनको,
कर गई जुदा उनसे ज़िन्दगी।

काफ़िला था चारों ओर से घेरे,
जा रहे थे साथ कई लोग मेरे।
भरे थे सबके आँसूवों से चेहरे,
सब दिखते जैसे उजालो में अंधेरे।

जी करता है सबको अभी हँसा दूँ ,
चादर ओढ़े सफ़ेद अभी हटा दूँ।
आये जो साथी हमदर्द हमारे,
मन करे उठकर सबको गले लगा लूँ।

मेरा रोना किसको दिखे और
घर मे भी रो रहीं थी कई ज़िन्दगी।
कल तो बैठे थे साथ में सबके,
आज मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िंदगी।

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21 AUG 2021 AT 21:55

धन दौलत के लालची इंसान
रिश्तों की बात करते हुए अच्छे नही लगते।
प्रेम तो बहुत दूर की बात है।

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7 AUG 2021 AT 22:10

जुदाई और तन्हाई,
अक्सर प्यार में होती हैं।
रुसवाई है तो कभी बेवफाई भी होती है।
मिल जाये बदनसीबी से अगर धोखा तो क्या..?
ये मासूम दिल रोता है
और
आँखे भी बरसती हैं।

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1 AUG 2021 AT 12:09

खाली हाथ इंसान यहाँ है आता ,इस सुंदर जग में
समय समय पर मिलते जो तौफे ,वो ही दोस्त होते हैं

छल कपट द्वैष की भावना न हो जिसके अंदर
निः स्वार्थ भाव से साथ मे है जो,वो ही दोस्त होते हैं

सही राह दिखाना और सच्चाई को ही बताना
स्वार्थ न है कोई जिनके अंदर, वो ही दोस्त होते हैं

बुरा लगे फिर भी चाहे साफ़ जो बात मुह पर कहते
उलझन में मीठे बीमारी में जो कड़वे ,वो ही दोस्त होते हैं

चर्चा परिचर्चा जिनके साथ मे है करना अच्छा लगता
वक्त पड़े हम जिनको पहले हैं बुलाते, वो ही दोस्त होते हैं

उदास हो मन और दिल लगने लगे जब भारी भारी सा
एक जादू की झप्पी दे जाते प्यार भरी, वो ही दोस्त होते हैं

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