Alok Rawal   (Alok Rawal (Beshaq))
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Write my own shyaries since 2014
Joined 4 July 2019


Write my own shyaries since 2014
Joined 4 July 2019
3 AUG 2024 AT 2:12

कभी लिखु शाम ढले
तोह समझना कि पास महसूस तुम्हें किया है ,
कभी लबों को खोलू कुछ कहने को
तोह समझना कि नाम तुम्हारा लिया है ,
यूं अंधेरी रातों में अगर कलम चलाने पर मजबूर हो जाऊं
तो समझना की शायरी के हर शब्द ने बातें तुम्हारी की है ,
जैसी शाम के बाद रात और रात के बाद फिर सुबह हुई है .।

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19 JUN 2024 AT 23:50


आसान नहीं यूं मोहब्बत की राह 
अंत में चुनना किसी एक को पढ़ता हूँ,
ना चाहते हुए भी रास्ता एक ढूँढना पड़ता है,
बेशक़ तुम उठ जाओगे सबकी नज़र मैं ऊपर,
पर उसका क्या जिसका तुम्हारे सिवा कोई दूसरा ना,
जिसकी हर साह मैं नाम तुम्हारा बसा,
जो लाख कोशिश करे तुमसे ख़फ़ा होने की,
 पर ये मुमकिन ना हो सका,
 क्यूंकि उसकी हर साह मैं नाम सिर्फ तुम्हारा बसा .

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29 MAY 2024 AT 0:36

यूं तेरी नज़रों का मेरी नज़रों से मिलना ,
यूं तेरी बातों का मेरी बातों में घुलना,
यूं मेरे हाथों का तेरी नर्म उंगलियों को छूना ,
फिर उस पर तुम्हारे लबों का यूं चाय की प्याली को चूमना,
फिर मेरा यूं वो अंजान मुलाकात का सोच सोच कर मुस्कुराना,
जैसे सुने पड़े रेगिस्ता मैं बारिश का आना

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11 MAY 2024 AT 23:17

वो कहते हैं कि कितनी मन्नत मांगते हो,
मेरे नाम की
कभी जिक्र किसी से सुना तो नहीं,
कितने वक्त व्रत रखे फरियाद मैं ,
मेरे नाम के
कभी जिक्र किसी से सुना तो सुना,
तोह उस पर ये था की,
अब हर बार और हर बात का जिक्र करु ,
वो भी किस किस को ये जरूरी तो नहीं,
क्योंकी आंखें सब बयां कर देती हैं
जैसी बेहद मोहब्बत मैं दीवानगी ..

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4 MAY 2024 AT 23:33


ना चाहते हुए भी जंग खुद से हो गई
ना चाहते हुए फिर एक मोहब्बत अधूरी रह गई,

सोचा था कि यूं ना रहेगी चाहत अधूरी,
और ना ख्वाब अधूरे ,
ना रात अधूरी,
ना जज़्बात अधूरे ,
और ना रहेगी बात अधूरी,

पर हुआ कुछ यूं
रह गई कहानी अधूरी मोहब्बत अधूरी
जैसे बस रह गए हम अधूरे और उस पर ये शायरी अधूरी।

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1 MAY 2024 AT 22:13

उसकी खूबसूरती मोहताज नहीं किसी की तारीफ की,
 फिर भी उसकी तारीफ में मेरा कुछ लिख जाना। 
उफ्फ ये उसका मुस्कुराना ,
बिना देखे चुप से शरमाना ,
उसपर नज़र झुका के सब कह जाना, 
सब पता होने के बाद भी यूं अंजान बन जाना, 
उसकी आँखों में साफ-साफ सब झलक जाना ,
ना चाहते हुए भी मेरा उसकी और खिंचे चले जाना,
 यूं मोहब्बत मैं मेरा चार कदम आगे बढ़ जाना, 
फिर एक पल के बाद मेरा सच्ची से रूबरू हो जाना ,
 उफ ये बीच हसीन सपने में मेरी आंखें खुल जाना ,
फिर ये सब सोच सोच के शायरी बनाना। 

जैसे बीच समंदर शांत खड़ी कश्ती मैं एक लहर का आना।

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21 FEB 2024 AT 1:16



रहम कर इस तरसते दिल पे क्यों  ताउम्र के लिए तनहा कर जा रही हो ,
क्यों चंद दुनिया की मोह और भीड़ मैं सच्चा प्यार ठुकरा रही हो ,

कहीं देर न हो जाये तुम्हे इतनी सी बात समझने मैं की कोई है
जो हर सांस मैं नाम तुम्हारा  लेता ह ,
सुबह उठने से लेकर रात तक ख्यालों मैं सिर्फ तूुम्हे रखता है ,

तेरी हर हाँ मैं हाँ तेरी ना मैं ना तुम्हारी हर बात को सबसे ऊपर रखता ह ,
और कभी ना किया गौर तोह बता दू मेरे नाम के आखिरी अक्षर से
शुरुआत तेरे नाम की होती है ,
जैसे की सुबह के बाद शाम और शाम के बाद फिर सुबह होती ह ||

to be continue ..

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28 MAY 2023 AT 1:37

Mahboob Qayamat laogi ,
Jis din suit main aaogi ,
Dekhenge sitare utar ke tumhe
Jab julfein yun bikhraogi
Mahboob Qayamat laogi
Jis din suit main aaogi
Phir kangan tumhare haathon m
Bindi tumhare maathe ki ,
Laali tumhare gaalon ki
Aur Nazar meri aankhon ki
Nazar se tumhare takraye gi .
Phir nazar tumhe jo lag jayegi ,
Baad
Bachne ko jo tum kaala tika lagaogi .
Inhi adaon se mujhe rijhaogi .
Mahboob Qayamat laogi
Jis suit m aaogi .
Jab apni in narm ungliyon se ,
latakti julfon ko
Kaan ke piche le jaogi
Aur us din
Jhumka bhi apni majoodgi main
Sur Sangeet barsayega ,
Ishq main doobne ka mann ,
Mera phir se ho jayega .

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19 MAY 2023 AT 23:23

बड़ा आसान होता ह ये कहना कि मेरी जिंदगी से जाने का क्या लोगे तुम –

सबसे पहले वापस कर मेरे वो अलफ़ाज़ ,
जो आधी रात जाग लिखे ख़ास
अगर देना ही है तोह दो मुझे मेरे वो बीते हुए पल ,
जिसमे हाथ थाम घूमे साथ
मोहब्बत मैं पहली बारिश में जब भीगे साथ ,
यूँ तोह आसान नही है मेरा यूँ पल भर में ,
घर बदल बेघर तुझे कर जाना,
यूँ सरेआम महफ़िल मैं नाम बदल रुसवा तुझे कर जाना ,
अब इससे आगे जो लिखू मैं मेरी कलम इज़ाज़त नही देती
-to be continnue

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7 AUG 2022 AT 21:32

जो चाहते है वो चीज नही मिलती
इस जमाने में।
हंसते तो सब है क्यों ना काम आएं,
किसी को हसाने में ।
और वो बात करती है अपनी आंखों में आए
चंद आंसुओं की ,
अरे हमसे पूछो रात इतना रोए की ,
साला बारिश तक आ गई उनके आशियाने में।।

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