feel your absence,
my love,
and there are no olive branches
with dove.
Like silence pressing against the walls
of my chest,
where my voice is like a dead sea
without crest.
The stars blink slow with forgotten grace,
as if mourning the warmth of your face.-
* Writer with simple words.
* Birthday: 4th April.
* I lov... read more
ମୁଁ ତୁମକୁ ଗଙ୍ଗଶିଉଳି ଫୁଲ ଭାବିଥିଲି,
ପ୍ରତିଦିନ ଅରୁଣୋଦୟ ପୂର୍ବରୁ ମନ ମୋହିବା ମହକ ନେଇ
ତୁମେ ଝରିପଡିବ ବୋଲି।
କିନ୍ତୁ, ଏ କ’ଣ ହେଲ ? ତୁମେ ତ ପତ୍ରଝଡ଼ା ଦେଲ,
ସୃଜନର ମାନଚିତ୍ରରୁ ଅଚାନକ ଅନୁପସ୍ଥିତ ହେଇଗଲ।
ତୁମେ କଙ୍କାଳ ପାଲଟିଲ, ଶବ୍ଦର ଶୂନ୍ୟତାରେ ମୋ ସ୍ବପ୍ନ ଭାଙ୍ଗିଲ,
ଅମାନିଆ ପବନରେ ବିକ୍ଷିପ୍ତ ହେଲ.. ମୋ କଲମର ମନ ଭାଙ୍ଗିଲ।
ଚୋରା ମହକ ବି ମୋର ପସନ୍ଦ ନୁହେଁ,
ଯେଉଁଥିରେ ନାହିଁ ସରଳତାର ସ୍ବାଦ।
ମୁଁ ଅପେକ୍ଷା କରେ ତୁମର ଫେରିବା,
ତୁମର ସେଇ ପୁରୁଣିଆ ଅବତାର।
ତୁମେ ଫେରି ଆସ, ମୋ ଶବ୍ଦରେ ଜୀବନ ଆଣ,
ତୁମର ଭାବରେ ମୋ ଅସ୍ତିତ୍ୱ ଗଢ଼ିଦିଅ ।
ହେ ମୋର କବିତା..-
हम भी वहीं थे.. उस रात,
जब तेरी आत्मा आग में
झुलसकर राख हो रही थी।
दूर से ही देखा.. पर बोले नहीं कोई बात,
जब चीखें हवाओं में,
बिन साज़ घुल रही थीं।
बस आँखों से थी वो बरसात
और बाहर खामोशी का धुआँ उठा।
चाँद भी सहमा, तारे भी डरे,
पर सुबह ने कुछ न पूछा,
एक आत्मा जो दहन हुई थी।-
हम ज़िन्दगी की धरोहर, खुशियों की वो लहर..
फिर भी न जाने क्यों, उपेक्षित बारंबार।
दुर्गा को पूजते हैं लोग, फिर लॉडकियों को छेड़ते हैं..
लक्ष्मी की चाहत सभी को, पर सम्मान नहीं करते हैं।
हर पीड़ा सहते हैं, किसीको कुछ कहते नहीं..
परिबार हम से हैं, ऊँगली उठे तो हम परिबार से नहीं।
हर युग में तिरस्कार हमारा,
जिसने लाया विनाश का अंधकार है..
बात यह पुरानी है, पर सत्य से अनजानी नहीं,
यह कहानी है।-
शाखों से फूल जो टूटकर गिरा, हवा संग बहा, पर रो ना सका।
सूरज की किरणें सहलाने लगीं, पर जड़ों की गोद में सो ना सका।
मुरझाने की थी बस एक अपेक्षा, ना उम्मीद कोई, ना आस शेष,
धूप में झुलसना नियति थी उसकी, पर कुचले जाने का नहीं था क्लेश।
धरती ने देखा, नभ ने पुकारा, पर शाखों ने उसको याद ना किया,
एक क्षण में जीवन से दूर हुआ, किसी ने भी उसको साध ना लिया।
शब्दों में इसकी पीड़ा ना आई, हवा में बस एक सिसकी रह गई,
वो फूल जो कभी महकता था, अब मिट्टी की चादर में ढह गई।-
हर दिन थोड़ा सपना टूटता,
हर दिन मन और कमजोर होता।
आस की दीवारें दरकती जातीं,
और वक़्त बस यूँ ही बीतता जाता।
कोई नहीं जो ठहर के पूछे,
कोई नहीं जो साथ निभाए,
बस एक परछाई चलती रहती,
ग़मों को अपने संग छुपाए।-
Hope shines bright,
Light glows white,
Faith takes flight.
Stars dance high,
Scars fade nigh,
Dreams soar sky.
Reach true goal,
Heart feels whole,
Joy lifts soul.-
लालच की तलवारें ऊँचे पहाड़ों को जाती हैं,
और हड्डियों पर सोने के सिंहासन पड़े हैं।
गहरे लाल रंग की धाराओं में नदियाँ रोती हैं,
महत्त्वाकांक्षा के नीचे हर सक्स डूबता है।
तारे कभी चमकते थे अब जंजीरों में जलते हैं,
मैदानों पर सत्ता का धुआं हर क्षण छाया है।
एक ऐसी दुनिया जो बिखरी हुई चीखों पर पलती है,
अपनी क्रूरता को पुरस्कार स्वरुप अक्सर धारण करता है।-
हर किसीको कुछ सिखाता है।
कई आसमान सी उड़ानो को,
ज़मीन पे पटकना दिखाता है।
मत इतराओ अपनी चालों पर,
ये वक़्त का पहिया घूमेगा।
जो आज खेल रहे हो दूसरों संग,
कल तुझ संग ही ये खेलेगा।
बदलती करवट वक्त की,
हर ग़ुरूर को तोड़ देगी,
जो खुद को चतुर समझे,
किस्मत उसे ही मोड़ देगी।-