तुम्हें पता है जाना,
जब तुम साथ थी
जिंदगी गुलज़ार हो न हो
कुछ वक्त के लिए ही
लगने लगी थी..-
बहुत अजीब है ये बंदिसे मोहब्बत की,
न उसने कभी कैद किया न हम कभी फ़रार हुए-
अपनी इन खुबसूरत आँखो में पनाह मुझे दे दो आज,
इन आँखो से खुबसूरत अगर कोई जहां है तो
"जाना" वो नहीं देखना मुझे..-
ढल गया वो दिन जब देखा था तुम्हें
मगर ढला नहीं वो समा जब देखा था तुम्हें
झूमे देर तलक तुम्हें सामने देखने के बाद,
गजब का वो पल था जब देखा था तुम्हें..
वो बेकरारी सारी खत्म हुई आने से तेरे,
बेबाक ही मुस्कराए जब देखा था तुम्हें..
चाहत यही हम तुझमें गुम हो जाए मगर,
बड़े सलीके से पेश आए जब देखा था तुम्हें..
बातो का क्या हम तुम्हे देखते ही जाए,
कुछ कह ही ना पाए जब देखा था तुम्हें..
वो हसीन आँखें और खूबसूरत चेहरे का दीदार,
हाय!आरजू इस दिल की पूरी हुई जब देखा था तुम्हें..
-Alok
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सब कहते है बुरा वक्त है छोड़ो क्या ही है,
वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा!
मगर बुरे वक्त के साथ उस पे क्या-क्या बीत रहा,
उसकी ख़बर किसे है?-
Dhundhta Firta Hai Jo Zamane Bhar Me Sukoon..
Usne Shyd Khud Ko Aayine Me Nhi Dekha Hoga..
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