ढल गया वो दिन जब देखा था तुम्हें
मगर ढला नहीं वो समा जब देखा था तुम्हें
झूमे देर तलक तुम्हें सामने देखने के बाद,
गजब का वो पल था जब देखा था तुम्हें..
वो बेकरारी सारी खत्म हुई आने से तेरे,
बेबाक ही मुस्कराए जब देखा था तुम्हें..
चाहत यही हम तुझमें गुम हो जाए मगर,
बड़े सलीके से पेश आए जब देखा था तुम्हें..
बातो का क्या हम तुम्हे देखते ही जाए,
कुछ कह ही ना पाए जब देखा था तुम्हें..
वो हसीन आँखें और खूबसूरत चेहरे का दीदार,
हाय!आरजू इस दिल की पूरी हुई जब देखा था तुम्हें..
-Alok
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