इस मुस्कुराते दुनिया का उजड़ा खिताब हूँ।
जिंदगी में सब कुछ है पास मेरे,
और कुछ भी नही।।
खुशियों का हर लम्हा है खाली,
अधूरी हसरतों की चादर में,
तन्हा एक साया हूँ।
दुनिया की भीड़ में अकेला,
अपनी ही धुन में गाया हूँ।।-
CA Aspirant
सभी के दीप सुंदर हैं हमारे क्या तुम्हारे क्या
उजाला हर तरफ़ है इस किनारे उस किनारे क्या।
बस इस मजधार में नहीं होना चाहते थे
जहां अंधेरा क्या उजाला क्या।-
आँखें इतनी बदल गईं
दुनिया को लिखने पढ़ने में..
बचपन में रावण जलता था,
अब खाली पुतले जलते हैं।।-
जो बदलते गए वो चलते गए
जो ठहर गए वो ढलते गए
रास्तों में मिले कई हमराही
हमारे नादान से दिल थे बहलते गए-
मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे,
सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे,
रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगी
और फूल फलकर मैं मोटा सेठ बनूंगा,
पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा,
बन्ध्या मिट्टी ने न एक भी पैसा उगला,
सपने जाने कहां मिटे, कब धूल हो गये,
मैं हताश हो बाट जोहता रहा दिनों तक...-
हंसना आता है मुझे,
मुझसे गम की बात नहीं होती,
मेरी बातों मै मजाक होता है,
पर मेरी हर बात मजाक नहीं होती।-
हर बार हुआ है जो, वही तो नहीं होगा,
डर जिसका सताता है, अभी तो नहीं होगा.
दुनिया को चलो परखें, नये दोस्त बनाएँ,
हर शख़्स ज़माने में, वही तो नहीं होगा.-
तुम बिल्कुल बारिश के बाद के आसमान के तरह लगते हो
जिसे देख के सुकून का ऐहसा होता है।
तुम से मिलके वो राहत का एहसास मिलता है..
जो बंजर जमीन को बारिश की पहली बूंद से मिलती है,
और
तुम्हारा ख्याल कुछ वैसा ही ठंडक का ऐहसा देता है..
जैसे बारिशों के बाद हवाओं में ठंडक फैल जाती है।।
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मैं जिसे दिल से प्यार करता हूँ,
चाहता हूँ उसे ख़बर न लगे।
वो मेरा दोस्त भी है दुश्मन भी,
बद्दुआ दूँ उसे, मगर न लगे।-
मुद्दतों ख़ुद की कुछ ख़बर न लगे
कोई अच्छा भी इस क़दर न लगे
बस तुझे उस नज़र से देखा है
जिस नज़र से तुझे नज़र न लगे-