मैंने सोचा है तेरा शहर छोड़ जाऊंगी मैं,
पर जब याद आऊंगी,
अपनी एक निशानी छोड़ जाऊंगी मैं,
ढूंढने पर भी किसी को,
न फिर मैं नज़र आऊंगी,
जब भी आऊंगी केवल याद ही आऊंगी,
जाते जाते भी किसी को फिर गले से ना लगाऊंगी,
लगा लिया अगर गले तो फिर जा नहीं पाऊंगी,
भर कर यादों का बक्सा
संग अपने ले जाऊंगी मैं,
भय होगा तो केवल बस इस बात का,
अपने शहर से बिछड़ कर,
किसी पराये शहर की हो जाऊंगी मैं,
मैंने सोचा है तेरा,
शहर छोड़ जाऊंगी मैं..!!— % &
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