जब तक बर्दास्त की हद है बर्दास्त करूँगी,
जिस दिन बर्दास्त की हद खतम होगी
उस दिन सिर्फ तबाही होगी.....-
ज़िंदगी की उलझनों में मैं उलझती जा रही हूँ
क्या हो रहा है ये कुछ समझ नहीं पा रही हूँ
ऐ जिंदगी तु और क्या क्या दिन दिखाएगी
क्या तु मुझे फिर से रुलायेगी?-
किसी इंसान का सबसे बड़ा दर्द
वो होता है जो
वो किसी से कह नही पाता
तब खामोशी हीं उसका साथ देती है
कभी कभी ऐसा लगता है जैसे
सब कुछ ठीक हो रहा है
कुछ वक़्त बाद सब और ठीक हो जायेगा
पर अचानक से सब कुछ बदल जाता है ......-
माफ़ी अंजाने में की गई गलती की होती है,
जानबुझ कर किये गए गुनाह की नहीं .....-
ऐ जिंदगी .....
बहुत सारी शिकायतें हैं तुझे मुझसे,
या तो शिकायतों को खतम कर दे ,
या तो मुझे इन्हें दूर करने की हिम्मत दे दे ....-
ऐ जिंदगी...
मैंने तुझसे हीं तो सीखा है
हर दर्द में मुस्कुराना,
फ़िर आज ये मुस्कान अधूरी क्यूँ है?
खामोशी का आलम तूने हीं तो सिखाया है,
फ़िर आज इतना शोर क्यूँ है?
😢😢😢😢-
ऐ ज़िंदगी......
अगर तुझे दर्द देना हीं था तो मौत दे देती,
मैं खुशी खुशी स्वीकार कर लेती ।-