Alka Jha   (Alka Jha)
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#Explorer #extrovert
#bitImpulsive.. Love to read and shape my thoughts into words
Joined 13 July 2018


#Explorer #extrovert
#bitImpulsive.. Love to read and shape my thoughts into words
Joined 13 July 2018
3 SEP AT 9:45

मुझे आपत्ति है नारीवाद से ,
उस नारीवाद से ,
जहां नारी की "नौकरी" को ही नारीवाद की नियति समझते ।
मुझे आपत्ति है समाज के
इस बनाए मापदंड से ,
जहां नौकरी करती नारी को 'नाकाम गृहणी' समझते ,
और घर संभालती स्त्री को साधारण , सस्ता मज़दूर कहते ।
मुझे आपत्ति है घर के काम से ,
सफल है जो मुझे योग्य लड़की का तमगा देने से ,
और बगल में बैठे भाई के पौरुष की कोई न सोचे ।
मुझे आपत्ति है पौरुष की उस परिभाषा से ,
जहां समाज एक युवक के हर गुण को समेटे ,
केवल उसके "सरकारी नौकरी" के होने न होने से ।
मुझे आपत्ति है किसी एक विचारधारा में बंधने से ,
जब मेरी कलम अब झिझक नहीं रही चलने से ,
और मेरे शब्द डर नहीं रहे अब सटीक वार करने से ।
मुझे आपत्ति है अब नाज़ुक और सहज लेखक बनने से ,
मुझे आपत्ति है अब सिर्फ सीधी सरल प्रेम कविता से ,
मुझे आपत्ति है अपनी आपत्ति को बस अपने तक रखने से ,
क्योंकि शायद मेरी कलम अब तैयार है क्रांति के अलंकार से ।

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31 AUG AT 19:59

राधा रानी

आ गई है उनके जन्म की घड़ी,
जो हैं प्रियतमा मोरे कान्हा की ,
माँ आदि पराशक्ति,
ब्रज की महारानी,
श्री राधा रानी ।

बन आकृति प्रेम , करुणा और भक्ति की ,
है आशीष लिए भूलोक में आने को खड़ी ,
बन वृषभानु की पुत्री ,
बरसाने की दुलारी ,
श्री राधा रानी ।

उनके करुणा की भूखी,
झुकाए शीश अपना उनके चरणों में पड़ी,
हूं मैं उनकी तुच्छ दासी ,
वो हैं वृन्दावनेश्वरी ,
मेरी ठकुरानी, श्री राधा रानी ।
©Alka


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21 SEP 2024 AT 20:59

क्या कर्ण सच में अर्जुन से भी महान था ?

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14 SEP 2024 AT 18:55

संस्कृत के कोख से जन्मी,
है भारत के माथे पर बिंदी सी सजी,
भारत की हिंदी ।
यात्रा 'अ' से  अभिमान और 'ज्ञ' से ज्ञान तक की ,
अविरल धारा हिंदुस्तान के भाव की ,
है अक्षरों से सजी ,
हिंदुस्तान की हिंदी ।
कहने को हूं मैं अंग्रेजी वाली लड़की ,
और बेशक मेरी चाहत है अंग्रेजी ,
मगर बात जब हुई माँ के लोड़ी की ,
पिता के सीख की ,
मन के व्यथा की ,
बचपन वाली परिकथा की ,
मुझे रास आई ,
बस मेरी प्यारी हिंदी ।

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5 SEP 2024 AT 6:00

And seeing this disgrace ,
of a teacher in an educated society ,
My heart breaks !


(full piece in caption)

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31 AUG 2024 AT 11:00


चाहे पटरी पर चलती ट्रेन हो ,
या हो सांसों से चलता ये जीवन
सफ़र में हो ,
तो झटके जायज़ हैं ।



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26 AUG 2024 AT 12:03

उत्सव का है दिन आया ,
आज मेरे घनश्याम का है जन्मदिन आया ।
जब रोहिणी नक्षत्र था भाद्रपद मास का ,
और था आठवां चरण चंद्रमा का ,
भूलोक पर मेरे केशव का हुआ अवतरण था ।
जब गर्भ मिला देवकी का ,
लालन पालन यशोदा का ,
बना दो माओं का लाडला मेरा कान्हा था ।
जब धरती मां पर भार बढ़ा पाप का ,
समय था मानव को मिले ज्ञान भागवत का ,
पुनः धर्म स्थापना करने को हुआ कृष्ण-जन्म था ।
जब जग में बढ़ गया शोर घृणा और द्वेष का ,
मधुर धुन फैलाकर कण कण में अपनी मुरली का ,
मुरलीधर ने राधारानी संग जग को सच्चा प्रेम सिखाया था ।
आज उस पावन क्षण को पूजने का है दिन आया ,
मोहन की मथुरा को भक्तों ने है खूब सजाया ,
वृंदावन धाम भी है हर्षाया ,
की आज उत्सव का है दिन आया ,
मेरे घनश्याम का है जन्मदिन आया ।
©Alka Jha










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25 AUG 2024 AT 17:26

जब हैं मुरलीधर मेरे जीवन के खेवैया,
निश्चित हर मुश्किल मझधार से पार लगेगी मेरी नैया ।




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20 AUG 2024 AT 19:57

शांत स्वभाव बनाए रखो ,
खुद में खुद को समेटे रखो ।
लोगों के तानों से मन को मुक्त रखो,
आवेश में भी शब्दों को अपने तुम नियंत्रित रखो ।
परिवेश को अपने स्वच्छ रखो,
दिनचर्या में हमेशा एक अनुशासन रखो ।
मनोबल बढ़ाने वाले सच्चे मित्र रखो,
वरना बेहतर है स्वयं को एकांत रखो ।
मुश्किलों में भी तुम धैर्य बनाए रखो ,
किरदार में अपने सपने को जिंदा रखो ।
बड़ो के सम्मान का तुम संस्कार रखो ,
कर्मों में सदैव धर्म रखो ।
शांत स्वभाव बनाए रखो ,
खुद में खुद को समेटे रखो ।

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19 AUG 2024 AT 18:00

With immense delight in my heart,
I celebrate this day of a bond
that is my life's unbreakable part !
With the strength of a pillar,
shielding their elder sister
my little brothers are
forever guarding me like an armour !
With zero male ego in them
not shying away from household chores
and helping me and mum in the kitchen
they are my real gem !
With a girl's point of view
and not just as a sister ,
to my beloved brothers ,
for the way they carry their characters
I would definitely say
"Your didi is proud of you !"
With a persona so high in morality,
of men who don't judge girls from their dresses,
and free them off from any kind of gender-biases ,
I am glad to hold their sister's identity !
With my heart full of deep affection ,
on this Rakshabandhan
I shower them with the rain of endless love
And bless them to reach in all their missions
the heights of perfection !

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