क्या कर्ण सच में अर्जुन से भी महान था ?
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संस्कृत के कोख से जन्मी,
है भारत के माथे पर बिंदी सी सजी,
भारत की हिंदी ।
यात्रा 'अ' से अभिमान और 'ज्ञ' से ज्ञान तक की ,
अविरल धारा हिंदुस्तान के भाव की ,
है अक्षरों से सजी ,
हिंदुस्तान की हिंदी ।
कहने को हूं मैं अंग्रेजी वाली लड़की ,
और बेशक मेरी चाहत है अंग्रेजी ,
मगर बात जब हुई माँ के लोड़ी की ,
पिता के सीख की ,
मन के व्यथा की ,
बचपन वाली परिकथा की ,
मुझे रास आई ,
बस मेरी प्यारी हिंदी ।-
And seeing this disgrace ,
of a teacher in an educated society ,
My heart breaks !
(full piece in caption)-
चाहे पटरी पर चलती ट्रेन हो ,
या हो सांसों से चलता ये जीवन
सफ़र में हो ,
तो झटके जायज़ हैं ।
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उत्सव का है दिन आया ,
आज मेरे घनश्याम का है जन्मदिन आया ।
जब रोहिणी नक्षत्र था भाद्रपद मास का ,
और था आठवां चरण चंद्रमा का ,
भूलोक पर मेरे केशव का हुआ अवतरण था ।
जब गर्भ मिला देवकी का ,
लालन पालन यशोदा का ,
बना दो माओं का लाडला मेरा कान्हा था ।
जब धरती मां पर भार बढ़ा पाप का ,
समय था मानव को मिले ज्ञान भागवत का ,
पुनः धर्म स्थापना करने को हुआ कृष्ण-जन्म था ।
जब जग में बढ़ गया शोर घृणा और द्वेष का ,
मधुर धुन फैलाकर कण कण में अपनी मुरली का ,
मुरलीधर ने राधारानी संग जग को सच्चा प्रेम सिखाया था ।
आज उस पावन क्षण को पूजने का है दिन आया ,
मोहन की मथुरा को भक्तों ने है खूब सजाया ,
वृंदावन धाम भी है हर्षाया ,
की आज उत्सव का है दिन आया ,
मेरे घनश्याम का है जन्मदिन आया ।
©Alka Jha
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जब हैं मुरलीधर मेरे जीवन के खेवैया,
निश्चित हर मुश्किल मझधार से पार लगेगी मेरी नैया ।
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शांत स्वभाव बनाए रखो ,
खुद में खुद को समेटे रखो ।
लोगों के तानों से मन को मुक्त रखो,
आवेश में भी शब्दों को अपने तुम नियंत्रित रखो ।
परिवेश को अपने स्वच्छ रखो,
दिनचर्या में हमेशा एक अनुशासन रखो ।
मनोबल बढ़ाने वाले सच्चे मित्र रखो,
वरना बेहतर है स्वयं को एकांत रखो ।
मुश्किलों में भी तुम धैर्य बनाए रखो ,
किरदार में अपने सपने को जिंदा रखो ।
बड़ो के सम्मान का तुम संस्कार रखो ,
कर्मों में सदैव धर्म रखो ।
शांत स्वभाव बनाए रखो ,
खुद में खुद को समेटे रखो ।-
With immense delight in my heart,
I celebrate this day of a bond
that is my life's unbreakable part !
With the strength of a pillar,
shielding their elder sister
my little brothers are
forever guarding me like an armour !
With zero male ego in them
not shying away from household chores
and helping me and mum in the kitchen
they are my real gem !
With a girl's point of view
and not just as a sister ,
to my beloved brothers ,
for the way they carry their characters
I would definitely say
"Your didi is proud of you !"
With a persona so high in morality,
of men who don't judge girls from their dresses,
and free them off from any kind of gender-biases ,
I am glad to hold their sister's identity !
With my heart full of deep affection ,
on this Rakshabandhan
I shower them with the rain of endless love
And bless them to reach in all their missions
the heights of perfection !-
जो तेरी कलाई पर बांधू मैं ये राखी ,
तेरे संग सुरक्षित महसूस करे हर नारी
तोहफे में बस यही मांग रही तेरी दीदी ।
स्वभाव में तुम्हारे कोमलता हो रेशम के स्पर्श सी ,
नैतिक विचारों में हो रेशम जैसी मजबूती ,
और रेशम सा चमकता रहे तेरा भाग्य भी ।
स्नेह से ला आज तेरी कलाई माँगती ,
राखी के रूप में इस पर प्यार हूं मैं बांधती ,
बदले में बस मेरे भैया तुमसे हर नारी का सम्मान मांगती ।
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It is a shame that
in a nation identified as "Mata" ,
women are still "abla" !
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