Alka Jain   (जैनसाहिबा✍)
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lmaginary bird 🐦
सरल शब्दों में अहसास लिखती हूँ।🍁
Pursuing Doctorate 👩‍🎓
Joined 16 February 2017


lmaginary bird 🐦
सरल शब्दों में अहसास लिखती हूँ।🍁
Pursuing Doctorate 👩‍🎓
Joined 16 February 2017
YESTERDAY AT 0:38

भी किसी सुबह की आस होगी।

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YESTERDAY AT 0:33

मे होतें हैं कई आदमी।

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YESTERDAY AT 0:30

गांव का,
घर मे रहने वाले शहर चले गए।

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28 FEB AT 9:53

गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने बच्चों को गुड़-धानी दे मौला

दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है
सोच समझ वालों को थोड़ी नादानी दे मौला

फिर रौशन कर ज़हर का प्याला चमका नई सलीबें
झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला…

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5 FEB AT 21:43

बड़े बेतरतीब से हुये जातें हैं आजकल,
कभी हर नज़्म बहर मे लिखा करते थे।

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30 JAN AT 17:52

दिन में चाँद जो नही दिखता।

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13 JAN AT 17:51

बदलते
मौसमों और लोगों को।

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9 JAN AT 13:32

प्रेम को ठहराव चाहिए,
ज़िन्दगी है कि दौड़े जाती है।

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23 SEP 2023 AT 16:05

ज़िन्दगी तुम्हारे उसी गुण का इम्तिहान लेती है,
जो तुम्हारे भीतर मौजूद है मेरे अन्दर इश्क़ था।।

- अमृता प्रीतम

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21 SEP 2023 AT 21:20

तेरी बेवक़्त यादों ने।

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