भी किसी सुबह की आस होगी। -
भी किसी सुबह की आस होगी।
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मे होतें हैं कई आदमी। -
मे होतें हैं कई आदमी।
गांव का,घर मे रहने वाले शहर चले गए। -
गांव का,घर मे रहने वाले शहर चले गए।
गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला चिड़ियों को दाने बच्चों को गुड़-धानी दे मौला दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है सोच समझ वालों को थोड़ी नादानी दे मौला फिर रौशन कर ज़हर का प्याला चमका नई सलीबें झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला… -
गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला चिड़ियों को दाने बच्चों को गुड़-धानी दे मौला दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है सोच समझ वालों को थोड़ी नादानी दे मौला फिर रौशन कर ज़हर का प्याला चमका नई सलीबें झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला…
बड़े बेतरतीब से हुये जातें हैं आजकल,कभी हर नज़्म बहर मे लिखा करते थे। -
बड़े बेतरतीब से हुये जातें हैं आजकल,कभी हर नज़्म बहर मे लिखा करते थे।
दिन में चाँद जो नही दिखता। -
दिन में चाँद जो नही दिखता।
बदलतेमौसमों और लोगों को। -
बदलतेमौसमों और लोगों को।
प्रेम को ठहराव चाहिए,ज़िन्दगी है कि दौड़े जाती है। -
प्रेम को ठहराव चाहिए,ज़िन्दगी है कि दौड़े जाती है।
ज़िन्दगी तुम्हारे उसी गुण का इम्तिहान लेती है,जो तुम्हारे भीतर मौजूद है मेरे अन्दर इश्क़ था।।- अमृता प्रीतम -
ज़िन्दगी तुम्हारे उसी गुण का इम्तिहान लेती है,जो तुम्हारे भीतर मौजूद है मेरे अन्दर इश्क़ था।।- अमृता प्रीतम
तेरी बेवक़्त यादों ने। -
तेरी बेवक़्त यादों ने।