मोहब्बत की महफिलों में;
जितनी दफा देखा
उस अजनबी को,
पहली दफा देखा।
गुज़री जो है किस्सों में उसकी,
अपने हिस्सों कि लगी,
सुनी जो है कहानी उसकी,
अपनी ज़ुबानी लगी।
कुछ मैंने न कही,
कुछ उसकी अनकही,
कुछ हुआ ऐसा
जो वक्त ने कही।
तुम्हारी सांसों की दास्तां का दम जिन्होंने तोड़ा,
सुना है,
उस हर दिल को तुमने माफ़ किया है
सुना है,
उस हर एक शख़्स को अदब से तुमने आबाद किया है।
प्यार ऐसा किया,
कि प्यार को,
इस प्यार से,
प्यार हो जाए।
-अल्का
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