यादें तंग करती हैं, नज़ारे याद आते हैं
होते हैं तन्हा जब, बेचारे याद आते हैं
साथ में घूमे यारों के सदियां बीत गईं
फिर भी मुसीबत में साले याद आते हैं
बातें कम और बातों में गालियां थोड़ी ज्यादा
बावजूद इसके भी वो मतवाले याद आते हैं
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अपना नाम बड़ी सहूलियत से अलियास लिखता हूँ।
कोई मुझे मव... read more
दिल की तो आदत है सभी को अपना समझना
हो कुछ गलत गर तो उसे बुरा सपना समझना
सच्चाई से दूर खुद में ही मगन है ये
इसका नहीं है काम दुनिया समझना
छोटी छोटी बातों में भी दिलदारी ही दिखे इसे
दुश्मनों को भी हरदम दिलदार समझना
शरीर से जुड़ा लगभग हर रहस्य सुलझा लिया हमने
लगता है मुश्किल इस दिल को समझना-
ख़्वाब से आंखों का रिश्ता अब टूट रहा है
तू ही तो था मेरा, जो छूट रहा है।।१।।
बेदर्द हवाओं का असर है इस जमाने में अब
जो प्यार का पौधा था , वो सूख रहा है।।२।।
सितम कर रही है ये उम्र मेरी, साथ मेरे
ये वक्त मुझे नहीं मेरा समय लूट रहा है।।३।।
जिधर देखो उधर ही किताबें ही हैं,ये लोग
जिसको भी देखो पास से वो टूट रहा है।।४।।
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I'm at that face of life where my mind saying "dude ! Someone gonna gift you premium"!
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नाम है मेरा,सभी जानते हैं मुझे
कौन हूँ मैं कोई नहीं जानता
उम्मीदें सबको हैं मुझसे पहले से ही
क्यों हैं उम्मीदें,मुझे क्या पता
(Full piece in description)-
असर हुआ है लेखनी का, लिखते-लिखते रुकने लगते हैं हम
मां शब्द नहीं अहसास है, मां लिख झुकने लगते हैं हम
यार मेरे सभी, मेरा ही मजाक उड़ाने लगे हैं अब अली
उन्हें मेरे दर्द से मतलब नहीं,उन्हें दीवाने लगते हैं हम
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हां और ना के बीच का जवाब हूं मैं
किसी के लिए कुछ नहीं, किसीका ख्वाब हूं मैं
लोग तो खुदा की भी कद्र करते नहीं अब
में खुश हूं क्योंकि खुद में नवाब हूं मैं
बातें करनी है अजनबियों से,अपनी मर्यादा ना भूलिये
औरों का तो पता नहीं, पर खराब हूं मैं
तुम्हें सब कुछ जानना है मेरे बारे में अली
तो जानो,बचपन से ही, खुली किताब हूं मैं
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अभी वक्त है खुद को पहचानो, थोड़ा सुधर जाओ
छोड़ो दूसरे की गलियों में टहलना,अपने घर जाओ
वो जो तुम्हें खिड़की से देखने आती है अली
उसे खुदमें इस कदर समेट लो कि भर जाओ
गर इश्क़ का जुनून चढ़ा ही है तो सुनो
इतना उसे चाहो अली कि बिछड़ो तो मर जाओ
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