Aliyas Shah   (Kalam_e_ahsas..)
1.7k Followers · 2 Following

read more
Joined 20 June 2018


read more
Joined 20 June 2018
17 JUN 2022 AT 9:13

यादें तंग करती हैं, नज़ारे याद आते हैं
होते हैं तन्हा जब, बेचारे याद आते हैं

साथ में घूमे यारों के सदियां बीत गईं
फिर भी मुसीबत में साले याद आते हैं

बातें कम और बातों में गालियां थोड़ी ज्यादा
बावजूद इसके भी वो मतवाले याद आते हैं


-


13 JUN 2022 AT 8:05

दिल की तो आदत है सभी को अपना समझना
हो कुछ गलत गर तो उसे बुरा सपना समझना

सच्चाई से दूर खुद में ही मगन है ये
इसका नहीं है काम दुनिया समझना

छोटी छोटी बातों में भी दिलदारी ही दिखे इसे
दुश्मनों को भी हरदम दिलदार समझना

शरीर से जुड़ा लगभग हर रहस्य सुलझा लिया हमने
लगता है मुश्किल इस दिल को समझना

-


11 APR 2022 AT 7:50

ख़्वाब से आंखों का रिश्ता अब टूट रहा है
तू ही तो था मेरा, जो छूट रहा है।।१।।

बेदर्द हवाओं का असर है इस जमाने में अब
जो प्यार का पौधा था , वो सूख रहा है।।२।।

सितम कर रही है ये उम्र मेरी, साथ मेरे
ये वक्त मुझे नहीं मेरा समय लूट रहा है।।३।।

जिधर देखो उधर ही किताबें ही हैं,ये लोग
जिसको भी देखो पास से वो टूट रहा है।।४।।



-


23 FEB 2022 AT 21:53

I'm at that face of life where my mind saying "dude ! Someone gonna gift you premium"!

-


28 JUL 2021 AT 9:37

असर हुआ है लेखनी का, लिखते-लिखते रुकने लगते हैं हम
मां शब्द नहीं अहसास है, मां लिख झुकने लगते हैं हम

यार मेरे सभी, मेरा ही मजाक उड़ाने लगे हैं अब अली
उन्हें मेरे दर्द से मतलब नहीं,उन्हें दीवाने लगते हैं हम


-


28 JUL 2021 AT 9:16

हां और ना के बीच का जवाब हूं मैं
किसी के लिए कुछ नहीं, किसीका ख्वाब हूं मैं

लोग तो खुदा की भी कद्र करते नहीं अब
में खुश हूं क्योंकि खुद में नवाब हूं मैं

बातें करनी है अजनबियों से,अपनी मर्यादा ना भूलिये
औरों का तो पता नहीं, पर खराब हूं मैं

तुम्हें सब कुछ जानना है मेरे बारे में अली
तो जानो,बचपन से ही, खुली किताब हूं मैं




-


27 JUL 2021 AT 9:25

अभी वक्त है खुद को पहचानो, थोड़ा सुधर जाओ
छोड़ो दूसरे की गलियों में टहलना,अपने घर जाओ

वो जो तुम्हें खिड़की से देखने आती है अली
उसे खुदमें इस कदर समेट लो कि भर जाओ

गर इश्क़ का जुनून चढ़ा ही है तो सुनो
इतना उसे चाहो अली कि बिछड़ो तो मर जाओ





-


29 JUN 2021 AT 20:09

लोगों के निकाब के पीछे के चेहरे से बचो

-


13 JUN 2021 AT 19:41

देखा नहीं जायेगा तुमसे,हम ऐसे हाल बना लेंगे
आयी तुमपर मुसीबत गर तो खुदको ढाल बना लेंगे

होली में ही सही, तुम्हारे गाल हमसे मिलें तो
हम वजूद खो देंगे खुदका, खुदको गुलाल बना लेंगे

तुम्हें रास आता है चरित्र सूर्य पुत्र कर्ण का
हमें कोई ना रोके,हम खुदको दयाल बना लेंगे

कभी साधारण दुनिया से मन ऊब जाए तो बताना
हम खुद को इतना बिगाड़ेंगे कि बवाल बना लेंगे

-


13 JUN 2021 AT 19:23

वो कोई और बात थी, ये कोई और बात है
उस रात छाई थी चांदनी और इस रात बरसात है

तब का दौर अलग था,हमारी जेबें खाली रहती थीं
ये दौर अलग है, हमारे हाथों में भी खैरात है

तब हम दोनों ही उत्साहित थे पहली मुलाकात थी वो
अब हम दोनों के पास शब्द नहीं आखरी मुलाकात है

तुम्हारे घर के बड़ों ने तुम्हारा ब्याह तय कर दिया
हमारा कुछ नहीं हो सकता, अली बचपन से अनाथ है

क्या वो वक्त दूसरा था,मुझे देखने को तड़पती थी
मेरी शक्ल भी नहीं देखनी तुम्हें,कैसे हालात हैं


-


Fetching Aliyas Shah Quotes