Happy Holi
चमन में रंग-बिरंगे फूलों का खिलना ज़रूरी है।
दरख़्तों पर परिंदों का बने रहना ज़रूरी है।
फ़क़त हो रंग नारंगी तो होली का मज़ा क्या है!
हरे नीले गुलाबी रंगों का मिलना जरूरी है-
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दोस्त अहबाब तरफ़दार बदल जाते हैं!
सब यहां ठहरे अदाकार, बदल जाते हैं!
उंगलियां यूं तो उठाते हैं सभी औरों पर,
अपनी बारी हो तो मे'यार बदल जाते हैं!-
तुम मेरे ख़ुशगवार लम्हों में
दर्द की टीस में तुम आहों में!
ज़िन्दगी की उदास राहों में,
ज़ीस्त की शब में और सवेरों में!
तुम मिले ख़्वाहिशों के मेलों में।
साज़ में गीत में तरानों में
अनकहे अनसुने फ़सानों में,
नींद में ख़्वाब में ख़यालों में,
बादलों बारिशों हवाओं में,
तुम मिले मुझको आसमानों में।
साहिलों कश्तियों किनारों पर,
दश्त-ओ-दामन में और जज़ीरों पर,
झिलमिलाते हुए सितारों पर,
माह-ए-नव की हसीन शामों में,
तुम मिले मुझको कहकशांओं में!-
ख़्वाबों से खिलौनों से ये बहलाए हुए लोग,
दुनिया की रसूमात से उकताए हुए लोग,
इक दर्द लिए फिरते हैं सीने में शब-ओ-रोज़
इस शहर के बाज़ार से घबराए हुए लोग!
आंखों में किसी ख़्वाब का साया भी नहीं है,
जाएं तो कहां जाएं ये ठुकराए हुए लोग!
वो ख़ुश्क गुलाब अब भी किताबों में रखे हैं,
ख़ुश आएं नज़र कैसे ये मुरझाए हुए लोग।-
जिनमें पत्ते फूल नहीं बस कांटे हैं,
ऐसे पौधों को भी पानी देते हैं!
جن میں پتے پھول نہیں بس کانٹے ہیں
ایسے پودھوں کو بھی پانی دیتے ہیں-
गुज़ारें किस तरह से ज़िंदगी अब!
नहीं होती किसी की बंदगी अब!
शिकायत हो किसी को भी न मुझसे,
कहां से लाऊं इतनी आजिज़ी अब!
گزاریں کس طرح سے زندگی اب
نہیں ہوتی کسی کی بندگی اب
شکایت ہو کسی کو بھی نہ مجھ سے
کہاں سے لاؤں اتنی عاجزی اب-
रात गहरी है बहुत दीप जलाते रहिए।
ज़ुल्म का दौर है आवाज़ उठाते रहिए।
क्या ख़बर शम्स भी कल हमसे ही साया मांगे
हो ज़मीं कैसी फ़क़त पेड़ लगाते रहिए!-
ये क्या हुआ है दिल जो यूं उदास है !
यूं लग रहा वो जैसे आस पास है!
अजीब कशमकश में है ये ज़िंदगी ,
अजीब सा है दर्द दिल में प्यास है!
ये बज़्म ये जहान इक ख़याल है,
मैं जी रहा हूं ये भी इक क़यास है!
न जाने कैसी जुस्तजू का है सफ़र,
न जाने क्युं ये लोग बदहवास हैं!-
यूं फा़सीवाद के मंसूबों को मिस्मार करता हूं,
मुसलमां हो कि हिंदू, मैं सभी से प्यार करता हूं!-
उसे खोने का ग़म, और ये भी ग़म कि,
उसे भी अब मुझे खोने का ग़म है।
اسے کھونے کا غم اور یہ بھی غم کہ
اسے بھی اب مجھے ہونے کا غم ہے
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