alfazon.se. ashiqui   (सम्राट भवानी)
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Joined 13 September 2018


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28 NOV 2022 AT 8:44

कहते हैं कि औरों की गलतियों से भी सीखना चाहिए,
मगर हम तो खुद की ग़लती से भी नहीं सीख पाते हैं।
और सोचते हैं हम जिंदगी में पीछे कहां रह गये,
यार..... यहीं तो पीछे रह जाते हैं।।

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11 OCT 2022 AT 0:17

उदासी से कुछ इस तरह मित्रता हो गई है मेरी
कि....दो-चार दिन अगर मैं ना मिलूं उससे,
वो मुझसे मिलने आ जाया करती है।

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23 SEP 2022 AT 8:25

मन में क्यों बेचैनी रहती है आजकल,
बेचैन होने से क्या होता है?
कभी फिक्र करता है,कभी खुद से जिक्र करता है,
अगर लड़ाई खुद से हो तो कौन जीत पाता है?
हर सवाल का जरुरी नहीं, कोई हल होता है।
कुछ पन्ने परेशानी के यूं ही उलटा दे, मेरे दोस्त,
आज कर खुद पे भरोसा,फिर देख क्या कल होता है।

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22 SEP 2022 AT 8:30

अपनी हदें क्यूं अक्सर भूल जाता हूं मैं,
जो हूं मैं उनके लिए,वो क्यूं नहीं रह पाता हूं मैं,
गलतियां करता हूं, मगर मान भी लेता हूं,
उनकी गलतियों को नजरंदाज भी कर देता हूं,
वो नाराज़ हो मुझसे उससे पहले माफी मांग लेता हूं,
हंसना अच्छा लगता है उनका,
कोशिश....हंसाने में लगा देता हूं,
फिर भी ना जाने क्यों वो आजकल ....
खफा रहने लगी है मुझसे,
शायद...
कुछ ज्यादा ही हक जता देता हूं मैं ‌।

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22 SEP 2022 AT 8:24

कुछ ख्वाब सजाया था मैंने,
कुछ सपने संजोए थे उनके,
साथ निभाने का इरादा,
कदम मिलाकर चलना था उनके,
कुछ आशाएं थीं उनसे,
कुछ उम्मीदें भी खुद से,
उनके सपने बनाए खुद के,
मेरे सपने काश होते उनके,
कुछ अरमान दिल में रखें,
आशियां बना रहे थे हम,
भोर के किरणों की लालिमा में,
साथ सिमट बैठे थे हम,
टूट गया सारा ख्वाब,
और टूट गये सारे अरमान,
नींद से जागा मैं, फिर देखा,
अकेले थे हम, अकेले थे हम।

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21 SEP 2022 AT 20:46

मेरी गलियों में मशहूर है वो,
मेरी मोहब्बत के नाम से,
मगर हकीकत ये है कि वो मेरी,
अच्छी दोस्त भी नहीं है।

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14 JUN 2022 AT 8:34

सलवार -सूट में तो उसे देखा है कई दफा,
दिली-तमन्ना है कि उसे साड़ी में देखना चाहता हूं।
हालांकि उसे देखते ही धड़कने यूं ही तेज हो जाती है,
साड़ी में देख, धड़कने सौ पार करना चाहता हूं।।

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6 JUN 2022 AT 14:25

मेरा इश्क गैर-कानूनी है,
मैंने दावा उसपे किया
जो मेरा कभी था ही नहीं।।

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23 MAY 2022 AT 19:35

ऑंखों में काजल, होंठों में लाली,
कदमें साथ-साथ और ये चाल मतवाली।

जुल्फें गालों को चुमती है तेरी,
जरा बांधकर रखा करो,
केह रहा हूं,
वरना हवा से दुश्मनी हो जायेगी मेरी।।

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23 MAY 2022 AT 19:30

काली सलवार,लाल कुर्ती में बबाल लग रही हो।
होंठों पे लाली और ये काली बिंदी,
सच्ची कमाल लग रही हो।।

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