alfaz_e_awara   (Alfaz_e_awara)
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Joined 28 August 2018


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14 DEC 2022 AT 17:41

तेरे बिना भी ठीक ही चल रही है जिंदगी
जाने क्यों कहा करते थे कि मर जायेंगे






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27 NOV 2022 AT 0:44

Jo fazr aur isha me bhi na mil ska ho
Mumkin hai wo kisi ki tahajjud me ho



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16 DEC 2021 AT 20:14

बनाते यहाँ मकान, हमारा भी इक ठिकाना होता
ग़र इस दुनिया में हमको लौटकर फिर से आना होता

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8 DEC 2021 AT 10:40

लग गई ज़ंग मोहब्बत के दावों पर
आ गया दिल कमबख्त का फिर हुस्न के वादों पर


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11 NOV 2021 AT 18:45

बहुत वफादार है मुझसे उदासी मेरी
मुस्कराने पर भी साथ नहीं छोड़ती है


بہت وفادار ہے مجھ سے اداسی میری۔
مسکرانے پر بھی ساتھ نہیں چھوڑتی۔


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9 NOV 2021 AT 0:10

शराब और सिगरेट अकेलेपन में आदमी के सबसे बेहतरीन साथी हैं




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26 OCT 2021 AT 16:52

चलो साथ मिलकर इस रिश्ते को बढ़ाते हैं
हम और तुम एक दूसरे को भूल जाते हैं

किए थे जो ख्वाहिशों के अहद उन्हें
किसी और के साथ निभाते हैं

हम मिले थे एक दूसरे को रास्ता बताने
अब अपने अपने रास्ते लौट जाते हैं


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19 OCT 2021 AT 14:52

उसने ख्वाहिश की मेरे दिल की, मैंने चंद पत्थर के टुकड़े उसे थमा दिए.





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18 OCT 2021 AT 0:26

पूछा किसी ने फ़कीर से पता शहर के बड़े गुनाहगारों का,
देख आसमां की जानिब फरमाया "जमातों की पहली सफ़"





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5 OCT 2021 AT 23:08

कुत्ता कुत्ते पर भौंकता है आदमी आदमी को मारता है
यहाँ हर किसी को अपनी ज़ात वालों से परेशानी है

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