तेरे बिना भी ठीक ही चल रही है जिंदगी
जाने क्यों कहा करते थे कि मर जायेंगे
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Idiot , awara ....
muhabbat ! khuda... read more
Jo fazr aur isha me bhi na mil ska ho
Mumkin hai wo kisi ki tahajjud me ho
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बनाते यहाँ मकान, हमारा भी इक ठिकाना होता
ग़र इस दुनिया में हमको लौटकर फिर से आना होता-
लग गई ज़ंग मोहब्बत के दावों पर
आ गया दिल कमबख्त का फिर हुस्न के वादों पर
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बहुत वफादार है मुझसे उदासी मेरी
मुस्कराने पर भी साथ नहीं छोड़ती है
بہت وفادار ہے مجھ سے اداسی میری۔
مسکرانے پر بھی ساتھ نہیں چھوڑتی۔
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चलो साथ मिलकर इस रिश्ते को बढ़ाते हैं
हम और तुम एक दूसरे को भूल जाते हैं
किए थे जो ख्वाहिशों के अहद उन्हें
किसी और के साथ निभाते हैं
हम मिले थे एक दूसरे को रास्ता बताने
अब अपने अपने रास्ते लौट जाते हैं
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उसने ख्वाहिश की मेरे दिल की, मैंने चंद पत्थर के टुकड़े उसे थमा दिए.
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पूछा किसी ने फ़कीर से पता शहर के बड़े गुनाहगारों का,
देख आसमां की जानिब फरमाया "जमातों की पहली सफ़"
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कुत्ता कुत्ते पर भौंकता है आदमी आदमी को मारता है
यहाँ हर किसी को अपनी ज़ात वालों से परेशानी है-