Alfaaz Unplugged   (alfaaz_unplugged)
26 Followers · 1 Following

read more
Joined 14 October 2019


read more
Joined 14 October 2019
15 MAR 2021 AT 21:55

रात को थका हारा आता है
सुबह होते ही अपने घर को
किनारा कर जाता है
अपनी मेहनत के हाथों से
वो आशियाना बनाता है
दूसरों का सोच के
खुद भूके पेट से जाता है
इस मिट्टी से वो अपना रोजगार चलाता है
बीज बोकर हमारे लिए अनाज उगता है
जब कभी मौसम उसका साथ ना दे
तब भगवान से वो बारिश की
आस लगाता है
कुछ पल के लिए निराश जरूर हो जाता है
पर फिर सबका सोच के
एक बार और अपना जोश जगाता है
और कोई नहीं, ये किसान है
अपने देश के
बस इतना ही कहूंगा
करो इनकी इज्जत, चाहे
जैसी भी ही भेष में।

-


6 FEB 2021 AT 14:42

Why I write !!

People keep coming and going
despite their promise to be together
So I started being with me and
promised myself to be
mine forever.
Being alone develops emotions
and sadness and I have no one
to hug tight,
So I use to express my feelings
through a pen and paper
which is the reason..
Why I write.
Somewhere people are happy
making their future bright
Somewhere there is situation
as dark as the new moon night.
Depression as the prime factor
somewhere people are committing suicide,
framing their survival hard to decide.
To make them feel accompanied
and light,
is the reason..
Why I write.

-


5 FEB 2021 AT 16:47

Secrets for a Happy Living
Love more,
But expect less..
Observe everything,
But react on nothing..
Keep friendship with everyone,
But dont get attached to anyone..
Be helpful and associative,
Keeping all your vibes positive..
Obey your parents,
And relive the moments..
Let people play their roles,
But you keep focusing on your goals..

-


22 JAN 2021 AT 20:48

ना मेरा दिल बुरा था
ना उसमें कोई बुराई थी
सब नसीब का खेल था
और किस्मत में लिखी
जुदाई थी ।।

-


20 JAN 2021 AT 15:36

ना साथ है किसी का
ना सहारा है कोई ।
अब ना हम रहे किसी के
और ना हमारा है कोई ।।

-


18 JAN 2021 AT 14:01

किस से कहूं
कैसे कहूं
कितना कहूं
और कब तक कहूं
ज़िन्दगी के हालात
कुछ इस तरह हैं की
फर्क नहीं पड़ता उन्हें
चाहे मै रहूं
या ना रहूं ।।

-


18 JAN 2021 AT 12:50

दर्द भी बांटे अपना दर्द मुझसे,
कहता तुमसा हमदर्द ना कोई
मुझे अफसोस नहीं जो
तू है बाहों में किसी और की
बस फिक्र है इतनी की
क्या तू ठीक से है सोई ।।

-


4 SEP 2020 AT 8:49

कभी हकदार बदल दिए जाते हैं
तो
कभी किरदार बदल दिए जाते हैं

ये दुनिया है भाई साहब
यहां अगर मन्नत पूरी ना हो
तो
रिश्ते क्या भगवान तक
बदल दिए जाते हैं ।।

-


3 SEP 2020 AT 8:45

हमारी नज़रों के आगे
नज़ारे तो हजार आए
मगर कोई तुमसा नहीं
ये जमाने में पुकार आए ।
तू रजनीगन्धा की कली है
सारे मौसम तुझपे सदके हैं
तू रूठे तो चमन रूठे
तू मुस्कुराए तो बाहर आए
लाखों दिलों में करार आए ।।

-


2 SEP 2020 AT 9:05

मोहब्बत की दीवानगी दिल में
कुछ इस कदर होनी चाहिए
की भले वो हासिल किसी
दूसरे को ही क्यों ना हो जाए
उसे ज़िन्दगी भर कमी की महसूस
बस आपकी ही होनी चाहिए ।।

-


Fetching Alfaaz Unplugged Quotes