एक दोस्त मेरा मर गया
बचपना मेरा किधर गया,
चाँद सितारे सब बारी–बारी
आसमां भी खाली कर गया,
खिल खिलाती थी धूप भी जिस चेहरे पे
वो चेहरा आखिर किधर गया,
जो लगा के मैं खुश था
वो मुखौटा आखिर किधर गया,
जो इश्क करता मेरा दिल था
वो आज पत्थरों में बदल गया।।-
alfaaz__h
(alfaaz__h)
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Joined 29 March 2018
22 APR 2023 AT 19:25
4 JUN 2022 AT 17:28
एक कहानी लिख रहा था मैं,
मगर अब उसके कुछ किरदार साथ नहीं।
यूं तो चल रही है मेरी कहानी
मगर वो अधूरी कहानी जैसी बात नहीं।।
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1 SEP 2021 AT 15:51
साकी से यारी कर
मैखाना अपने नाम किया है
हर जाम के बाद
मैंने उसका नाम याद किया है।।-
8 JUN 2021 AT 7:04
न जाने कैसे इन किताबों से दूरी हो गई
दोस्ती थी जिनसे कभी
आज उन से दुश्मनी गहरी हो गई
की मैने समझाने की कोशिश
है बस कुछ दिनों की बात
मगर न जानें ये किताबें कब से बहरी हो गई।।-
30 APR 2021 AT 20:34
नींद जो आए तो बेहतर हो
सपनों में उजाला तो बेहतर हो
चल रही ज़िंदगी जिन साँसों से
मुर्झाएं न वो साँसे तो बेहतर हो।।
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25 APR 2021 AT 5:44
न किसी ने विशवास किया
न किसी ने हमें माना
हम तो रह गए वहीं पे
जहां छोड़ गया हमें जमाना
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16 APR 2021 AT 18:47
अपनी शान कहूँ
या अभिमान कहूँ
तेरे बाद कहूँ
या जज़्बात कहूँ
मैं सोच-सोच
हर शाम कहूँ
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15 APR 2021 AT 18:06
वो रात लिखूँ
या उसकी बात लिखूँ
तेरा साथ लिखूँ
या हालात लिखूँ
ये सोच-सोच
मैं हर रात लिखूँ-