Alfaaz-E-khawish   (निबेदीता©🌸)
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Be kind ...❤️❤️❤️
Joined 4 January 2021


Be kind ...❤️❤️❤️
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29 OCT 2022 AT 13:08

अक्सर मन्नत के धागे बाँध लेति हु मैं तेरे नाम से
ना जाने कब, कौन सी दुआ मुक्कमल हो जाये

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26 JUL 2022 AT 20:42

कारगिल दिवस
ना जाने कितने सपूत पंचतत्व में विलीन हुए
कितने वालिद सुपर्द-ए-खाक हुए
युही नही मिली थी वतन-ए-अज़ीज़ को आजादी
कितनों की हाथों की चूड़ियां
ओर कितनो के माथे का सिंदूर वीरान हुए
निबाह के अपना इश्क़ चमन-ए-हिंदुस्तान से
शहादत के इस इतिहास मे, तुम चिरंजीव हुए।।।

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11 MAY 2022 AT 20:50

आरज़ी सी ये जिंदगी, फसी छोटी सी बातों में है
मुंतज़र है हम खुशियों के, पर कैद बेकाबू हालातो से है
जो आज है, वो कल नही , तू किस बात पर उदास है
दो घड़ी चैन से सांस तो ले, खुदा जो तेरे साथ है....

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28 JAN 2022 AT 20:40

While ten people were sitting in hall
Two eyes were struggling to get hold
Arrange marriage doesn't seem arrange any more....!! 💖💖💖

(Read Caption)— % &

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27 DEC 2021 AT 20:24

मैंने इश्क़ लिखा, तो तेरा नाम लिखा
मैंने वस्ल लिखा, तो तेरा एहसास लिखा
मैंने दर्द लिखा, तो तुझको ही मरहम लिखा
मैंने हिज्र लिखा, तो तेरा अरमान लिखा
मेरी स्याही ने कोरे कागज पे, बस तुझको ही मेरी जान हर बार लिखा...

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19 NOV 2021 AT 16:34

हम बहाये अश्क़ तो वो जज़्बात है
वो जो झलकाये आँशु , तो महापाप है??
नाकामी हमारी सफलता के लिए प्रयास है,
असफलता उनकी तो जैसे कोई घोरअपराध है??
किसे सुनाये वो अपने हाल-ऐ-दिल की हकीकत
महफ़िल में जो रो दिया, वो कहा मर्दजात है??
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3 OCT 2021 AT 18:29

रूठी होंगी रातें भी, भीगी होंगी आँखे भी,
पल पल दिल मे टीस उठेगी, धुंदली होंगी यादे भी,
हो सकता है महज गुस्सा हो,
हो सकता है रिश्ता ही कच्चा हो,
हो सकता है दिल संभल ना पाए,
हो सकता है रूह कांच की तरह टूट जाए,
पर बोलो कब तक तुम यू शोक मनाओगे
हिज्र का गम कब तक यू उठाओगे
जो चला गया, वो चला गया
कब तक तुम वियोग में अश्क छलकाओगे...???
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28 AUG 2021 AT 20:23

कंधे पे तेरे सर रखकर नींद का ढोंग रचू,
आज भी बईमानी वही है,
थाम के तेरा हाथ,
नाम ढूढूं अपना तेरी हथिलियो में,
आज भी नादानी वही है,
तू सजदे में मेरे, हर दुआ में शामिल है तू
बाँध दूं तेरे नाम से मन्नत के धागे,
आज भी अरमान वही है....
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24 JUL 2021 AT 20:12

इश्क़ इबादत
इश्क़ ही खुदा है

इश्क़ जख्म
इश्क़ ही दवा है

इश्क़ रज़ा
इश्क़ ही सज़ा है

इश्क़ मेहकशी
इश्क़ नशा है

खुदी से इश्क़ नही किया
तो क्या खाक मजा है ???


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18 JUN 2021 AT 19:26

कितनी अजीब बात है ना,
हम अतीत के पन्ने पढ़ने में इतने व्यस्त हो जाते है,
की हम देखना चाहते ही नही की भविष्य के सुनहरे पन्ने,
हमारी ही स्यायी से रचने का इंतज़ार कर रहे है....

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