रूठी होंगी रातें भी, भीगी होंगी आँखे भी,
पल पल दिल मे टीस उठेगी, धुंदली होंगी यादे भी,
हो सकता है महज गुस्सा हो,
हो सकता है रिश्ता ही कच्चा हो,
हो सकता है दिल संभल ना पाए,
हो सकता है रूह कांच की तरह टूट जाए,
पर बोलो कब तक तुम यू शोक मनाओगे
हिज्र का गम कब तक यू उठाओगे
जो चला गया, वो चला गया
कब तक तुम वियोग में अश्क छलकाओगे...???
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