आओ फिर होली आज सब एक संग मनाते है!
(अनुर्शीषक मे पढे़...)-
Ãlbert Aman
(Aman mehrotra)
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सुखार्थं सर्वभूतानां मताः सर्वाः प्रवृत्तयः।
सुखं नास्ति विना धर्मं तस्मात् धर्मपरो भव॥
जय श... read more
सुखं नास्ति विना धर्मं तस्मात् धर्मपरो भव॥
जय श... read more
Joined 22 November 2018
6 MAR 2022 AT 9:04
मोहब्बत की है मैने उससे,कुछ तो दर्द मुझे भी सहने दो!
संभल जाऊंगा खुद से ही,अभी मुझ बस ऐसा ही रहने दो!
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9 FEB 2022 AT 12:55
ज्यादा मिठास भी रिश्तो को बर्वाद कर देती है,
चौकोलेट बहुत सोच समझ के ही देना आज लोगो को!-
8 FEB 2022 AT 19:08
रिश्ता अगर दिल से ही निभाया जाये,
तो क्यू ये prapose day हर वर्ष मनाया जाये!-
7 FEB 2022 AT 13:09
Rose जैसी खूबसूरती कहाँ अब रिश्तो मे,जो rose day मनाया जाये..
यहा तो हर कोई अपने किरदार मे कांटे छिपाये बैठा है!-
6 FEB 2022 AT 11:09
शांत होके उस जुबाँ ने हर एक आंखो को नम कर दिया,
जिसके शुरो से ही ये संगीत जगत पहचाना जाता था!
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5 FEB 2022 AT 21:47
एक कप चाय और तुम्हारा साथ,
इससे अच्छी क्या होगी मेरे दिन की शुरूवात!-
31 JAN 2022 AT 19:54
चाहत तो बहुत मिल जाती हर किसी को जिंदगी मे,
हर चाहत मे दिल सबको नही मिला करता !-