Ãlbert Aman   (Aman mehrotra)
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Joined 22 November 2018


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Joined 22 November 2018
9 MAR 2022 AT 8:32

आओ फिर होली आज सब एक संग मनाते है!
(अनुर्शीषक मे पढे़...)

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6 MAR 2022 AT 9:04

मोहब्बत की है मैने उससे,कुछ तो दर्द मुझे भी सहने दो!
संभल जाऊंगा खुद से ही,अभी मुझ बस ऐसा ही रहने दो!


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12 FEB 2022 AT 18:48

इन जख्मो को खोडा़ कम करो,
प्यार से मुझको एक hug करो!

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9 FEB 2022 AT 12:55

ज्यादा मिठास भी रिश्तो को बर्वाद कर देती है,
चौकोलेट बहुत सोच समझ के ही देना आज लोगो को!

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8 FEB 2022 AT 19:08

रिश्ता अगर दिल से ही निभाया जाये,
तो क्यू ये prapose day हर वर्ष मनाया जाये!

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7 FEB 2022 AT 13:09

Rose जैसी खूबसूरती कहाँ अब रिश्तो मे,जो rose day मनाया जाये..
यहा तो हर कोई अपने किरदार मे कांटे छिपाये बैठा है!

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6 FEB 2022 AT 11:09

शांत होके उस जुबाँ ने हर एक आंखो को नम कर दिया,
जिसके शुरो से ही ये संगीत जगत पहचाना जाता था!

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5 FEB 2022 AT 21:47

एक कप चाय और तुम्हारा साथ,
इससे अच्छी क्या होगी मेरे दिन की शुरूवात!

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4 FEB 2022 AT 5:29

ठंड मे वो जीने का बहाना बन गयी,
चाय ही थी जो मेरा सहारा बन गयी!

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31 JAN 2022 AT 19:54

चाहत तो बहुत मिल जाती हर किसी को जिंदगी मे,
हर चाहत मे दिल सबको नही मिला करता !

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