Alankrat Srivastava   (©अलंकृत श्रीवास्तव)
229 Followers · 27 Following

read more
Joined 11 September 2018


read more
Joined 11 September 2018
25 JAN 2022 AT 16:02

सुना है "वक्त सारे ज़ख़्म भर देता है",
पर ये वक्त , वक्त कितना लेता है
किसी ने नहीं बताया......

-


17 DEC 2021 AT 14:18

कभी नैनी के पुल सी शोर करती,
कभी ख़ामोश संगम सा किनारा।
है तुम सी इक ही पगली इस जहाँ में,
हूँ मैं भी इक दिवाना बस तुम्हारा।

1222 1222 122

-


30 NOV 2021 AT 0:00

फलां ने कहा है फलाने से हैं हम,
की हुलिए से देखो दिवाने से हैं हम।

हैं सुनते नही हम किसी आदमी की,
अलग कुछ कहाँ है? ज़माने से हैं हम।

-


28 NOV 2021 AT 13:01

चल दिए हार कर हम उसी रास्ते,
आँख मूंदे सभी जा रहे हैं जहाँ।

212 212 212 212

-


27 NOV 2021 AT 20:02

तुम्हारे ब्लॉक सूची में हैं बस इक नाम मेरा ही,
है मेरे कॉल सूची में भी बस इक नाम तेरा ही।

1222 1222 1222 1222

-


26 NOV 2021 AT 18:26

जब भी ग़म के बादल छाते हैं,
हम गाना सुन के सो जाते हैं।

22 22 22 22 2
(Behr-e-meer)

-


25 NOV 2021 AT 15:53

Paid Content

-


4 OCT 2021 AT 22:18

Le shayar fan:-

koī ummīd bar nahīñ aatī

koī sūrat nazar nahīñ aatī

~ Mirza Ghalib

-


30 JUL 2021 AT 12:49

आँखें :- (ख्याल)

लिखीं हुई हैं ,उसकी नजरों में।
कई नज्में , कई गजलें ,कई बातें।

कभी समंदर , कभी बवंडर ,
कभी दिगंबर , उसकी आँखें।

-


7 FEB 2021 AT 13:18

Ek sukha murjhaya gulab,
Kayi yaadein taza kr gaya.

-


Fetching Alankrat Srivastava Quotes