Alace Patidar   (Alace Patidar)
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Indore, India
Joined 11 December 2021


Indore, India
Joined 11 December 2021
10 FEB AT 19:25

वैसे तो खूबसूरत होती है स्त्रियां
लेकिन श्रृंगार में उनकी खूबसूरती
अवर्णनीय होती है

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29 JAN AT 19:51

वो नदियों सी मुझसे मिलकर
मुझमें मिठास घोलती रही
और मैं ढीठ समंदर सा खारा बना रहा

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30 NOV 2023 AT 17:23

कल तक ना पाया था खुद को कभी खुद में
आज तेरा दामन थाम के खुद को पाने लगी हूं

तेरी आंखों में बसता है अब मेरा सारा जहां
आशियाना अब तेरी पलकों में बसाने लगी हूं

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2 NOV 2023 AT 19:41

असीम चंचलता होती है स्त्री में
लेकिन स्थिरता पुरुषों से भी ज्यादा

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21 SEP 2023 AT 19:59

हाथों की लकीरों से
जो घात मिटादे
वो है "प्रेम"

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18 AUG 2023 AT 19:46

सतयुग में युद्ध हुआ
दो लोको के बीच
त्रेतायुग में युद्ध हुआ
दो राज्यों के बीच
द्वापरयुग में युद्ध हुआ
दो परिवारों के बीच
अब कलयुग में युद्ध हो रहा है
हमारे ही भीतर
अच्छाई और बुराई का

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16 DEC 2022 AT 16:36

जिस प्रकार एक सर्प की
चाह होती है "मोगरा"

तेरी खोरीयों का मेरे लिए
वही स्थान है— % &

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7 OCT 2022 AT 18:37

इन तेज बरसती बूंदो में,
बिखरती हुई ख्वाहिश हो
मैं भीगती हुई सोयाबीन,
तुम रिमझिम गिरती बारिश हो— % &

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4 OCT 2022 AT 21:47

चाँदनी रात हो तुम्हे गुल-ए-बहार में देखना
तुम्हे गरबा पसंद है मुझे तुम्हे श्रृंगार में देखना— % &

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20 SEP 2022 AT 17:22

एक लंबे अंतराल के बाद उनसे मेल हुआ
जैसे ईश्वर के हाथों मिले पलाश के फूल— % &

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