वैसे तो खूबसूरत होती है स्त्रियांलेकिन श्रृंगार में उनकी खूबसूरतीअवर्णनीय होती है -
वैसे तो खूबसूरत होती है स्त्रियांलेकिन श्रृंगार में उनकी खूबसूरतीअवर्णनीय होती है
-
वो नदियों सी मुझसे मिलकरमुझमें मिठास घोलती रहीऔर मैं ढीठ समंदर सा खारा बना रहा -
वो नदियों सी मुझसे मिलकरमुझमें मिठास घोलती रहीऔर मैं ढीठ समंदर सा खारा बना रहा
कल तक ना पाया था खुद को कभी खुद मेंआज तेरा दामन थाम के खुद को पाने लगी हूंतेरी आंखों में बसता है अब मेरा सारा जहांआशियाना अब तेरी पलकों में बसाने लगी हूं -
कल तक ना पाया था खुद को कभी खुद मेंआज तेरा दामन थाम के खुद को पाने लगी हूंतेरी आंखों में बसता है अब मेरा सारा जहांआशियाना अब तेरी पलकों में बसाने लगी हूं
असीम चंचलता होती है स्त्री मेंलेकिन स्थिरता पुरुषों से भी ज्यादा -
असीम चंचलता होती है स्त्री मेंलेकिन स्थिरता पुरुषों से भी ज्यादा
हाथों की लकीरों सेजो घात मिटादेवो है "प्रेम" -
हाथों की लकीरों सेजो घात मिटादेवो है "प्रेम"
सतयुग में युद्ध हुआदो लोको के बीचत्रेतायुग में युद्ध हुआदो राज्यों के बीचद्वापरयुग में युद्ध हुआदो परिवारों के बीचअब कलयुग में युद्ध हो रहा हैहमारे ही भीतरअच्छाई और बुराई का -
सतयुग में युद्ध हुआदो लोको के बीचत्रेतायुग में युद्ध हुआदो राज्यों के बीचद्वापरयुग में युद्ध हुआदो परिवारों के बीचअब कलयुग में युद्ध हो रहा हैहमारे ही भीतरअच्छाई और बुराई का
जिस प्रकार एक सर्प कीचाह होती है "मोगरा"तेरी खोरीयों का मेरे लिएवही स्थान है— % & -
जिस प्रकार एक सर्प कीचाह होती है "मोगरा"तेरी खोरीयों का मेरे लिएवही स्थान है— % &
इन तेज बरसती बूंदो में,बिखरती हुई ख्वाहिश होमैं भीगती हुई सोयाबीन,तुम रिमझिम गिरती बारिश हो— % & -
इन तेज बरसती बूंदो में,बिखरती हुई ख्वाहिश होमैं भीगती हुई सोयाबीन,तुम रिमझिम गिरती बारिश हो— % &
चाँदनी रात हो तुम्हे गुल-ए-बहार में देखनातुम्हे गरबा पसंद है मुझे तुम्हे श्रृंगार में देखना— % & -
चाँदनी रात हो तुम्हे गुल-ए-बहार में देखनातुम्हे गरबा पसंद है मुझे तुम्हे श्रृंगार में देखना— % &
एक लंबे अंतराल के बाद उनसे मेल हुआजैसे ईश्वर के हाथों मिले पलाश के फूल— % & -
एक लंबे अंतराल के बाद उनसे मेल हुआजैसे ईश्वर के हाथों मिले पलाश के फूल— % &