अब तो जिन्दा आदमी,कब्र में द़फन सा लगता है!आँखे मुन्द सब देखता, ओढे क़फन सा लगता है! - आला चौहान "मुसाफ़िर"
अब तो जिन्दा आदमी,कब्र में द़फन सा लगता है!आँखे मुन्द सब देखता, ओढे क़फन सा लगता है!
- आला चौहान "मुसाफ़िर"