दिल में भरा है पर मुख से कुछ ना कहतें हैं।
कुछ लोग बस उम्र के ही बस में रहतें हैं ।।
समेट लेतें हैं ख्वाब, इश्क़ और तमन्ना को।
मुस्कुरातें हैं देख कर किसी के बचपना को।।
जोर की बारिश में वो भीगना चाहतें हैं ।
हवा को बाहों में भरकर तैरना चाहतें हैं ।।
तड़प उन्हें भी है कोई नाम से पुकारे मुझको।
कभी वो डाँट ले कभी प्यार से मनाए मुझको।।
बच्चों के खेल में उनका भी एक हिस्सा हो ।
मेरा जो आज है उनका भी एक किस्सा हो।।
कोई समझे इन्हें कोई उम्र ना होती है सपनो की।
इन्हें भी साथ लेलो इनको जरूरत है अपनो की ।।
कुछ जीवन आंखों से एकांत में ही बहतें हैं।
कुछ लोग बस उम्र के ही बस में रहतें हैं ।।
दिल में भरा है पर मुख से कुछ ना कहतें हैं।
कुछ लोग बस उम्र के ही बस में रहतें हैं।।
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