मेरी खामोशियों को जो बहाने मान लेता है
उसे मालूम होनी चाहिए मज़बूरियाँ मेरी।-
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राह पर अब साथ चलते जा रहे हैं,
कुछ नये से ख़्वाब पलते जा रहे हैं,
नफ़रतों के युग में भी दो दिल यहाँ पर
प्यार के साँचे में ढलते जा रहे हैं।-
मुझे मालूम है मुझको समझना है ज़रा मुश्किल
मगर जिसने मुझे समझा उसी को मैं हुआ हासिल।-
बदलने को तो हम इक पल में पूरे ही बदल जायें,
कलेजे पर किसी पत्थर को रखकर हम पिघल जायें,
हमारी सोच से भी तेज चलता वक़्त का पहिया
कहो उससे भी आगे हम भला कैसे निकल जायें?-
कभी हमसे मिलो तो फिर बतायें राज़ यह तुमको
फ़कीरी में अमीरी का मज़ा कैसे लिया जाये।
#AkshayAmritCouplet-
जाने क्या-क्या पाया है और क्या-क्या मैंने खोया है,
पता नहीं ये कैसे फल का बीज यहाँ पर बोया है,
बारिश की बूँदों में मुझको होता है संदेह बड़ा
मैं खुद ज्यादा रोया हूँ या अंबर ज्यादा रोया है।-
साथ चलने को तुम्हारे राह हम तकते रहे,
दूरियां तुमसे बनीं जो हम सदा सहते रहे,
याद ताज़ा हो सताने जब लगी हमको यहाँ
रात भर हम चाँद बाहों में लिए जगते रहे।
#AkshayAmritPoetry-
छोड़कर तू मुझे जो गया,
आज सबकुछ मेरा खो गया,
फिर भी परवाह किस बात की
जो मेरा था तेरा हो गया।
#AkshayAmritPoetry-