गरीब के बच्चे भुके ना रहे दिवारो में
इसलिए खुद भगवान बिक जाते हैं बजारो में-
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जिंदगी भर के लिए दिल पर निशानी पड़ जाए।
बात ऐसी ना लिखो कि लिख के मिटाने पड़ जाए।-
एक से दस
दस से हज़ार
हज़ार से लाख हो जाऊंगी
यूं ही हंसते हंसते एक दिन मैं भी राख हो जाऊंगी।-
इतना क्यू सजया है
खुद को कोई अलग बात है क्या
इतना करीब क्यों आ रही हो
इज़हार की रात है क्या
ये घर में इतनी चहल पहल क्यू
है खुशी की सौगात है क्या
और ये क्या देख रही हो खिड़की से
ये तुम्हारी बारात है क्या-
चलो अब में अकीरी बार सफाई देता हूं
मैं वो नहीं जो दिखाई देता हूं-
कुछ रिश्तों की माला ऐसी टूटी की कुछ मोती खो गये और कुछ मोती हाथ जुट गए
आज फिर सोचा फिर से पीरू सुई दाग़े में मोती मगर न जाने कहाँ गये वो मोती-
चलो आओ पार्क में टहलते है
चलो आओ पार्क में टहलते है
चलो प्यार खत्म हुआ
अपने अपने कपड़े पहनते है-
जुदा तो एक दिन सांसे भी हो जाती है
तो फिर शिकायत मोहब्बत से ही क्यों-
बड़ी बेरहम होती हैं ये आशिकी
साहब
कमबख्त उम्र का लिहाज भी नहीं करती-
Kya mukadar h
Zameen Mili toh banjar
rishtedar Mile toh kanjar-