Akshita Singh   (Akshita Singh)
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बस उन्हीं लिखते हैं !
वजह क्या होगी..
राहत जरा सी,आदत जरा सी..!!🙂
Love to Write ✍🏻❤
Joined 2 March 2019


बस उन्हीं लिखते हैं !
वजह क्या होगी..
राहत जरा सी,आदत जरा सी..!!🙂
Love to Write ✍🏻❤
Joined 2 March 2019
21 FEB 2023 AT 20:11

मैं मोहब्बत में कैद हूँ!
दरवाज़ा खुला होने पर भी फरार नहीं होती..

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17 DEC 2022 AT 0:56

ऐसा क्या लिखूँ कि छू लूं मन तुम्हारा,
क्या लिखूँ कि हमारी बात हो जाये..

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15 DEC 2022 AT 11:52

नए कपड़े बदल कर जाऊँ कहाँ,
और बाल संवारु किसके लिए?
वो शख्स तो शहर ही छोड़ गया
मैं बाहर जाऊँ तो किसके लिए.!

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8 DEC 2022 AT 2:31

ऐ गम! तू छुट्टी में भी साथ है..
ये तो तौहीन हुई गुरूवार की !!

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1 DEC 2022 AT 22:20

मेरी मेहंदी का रंग जरा गहरा चढ़ाना खुदा!
मुझे आदत है गलतफहमियों में रहने की..

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27 NOV 2022 AT 1:08

तलब- एक ढलती शाम, तुम्हारे साथ..
ख्वाहिश- और कोई ना हो दरमियां...

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14 OCT 2022 AT 0:05

कितनी बातें हैं कहने को !
पर तुम वक़्त निकालकर फोन करो तब न !!

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5 OCT 2022 AT 1:23

अगर जो तुम जान जाओ तकलीफ़ मेरी,
तो तुम्हें मेरी हंसी पर भी तरस आयेगा...🥀

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4 OCT 2022 AT 1:39

उसने पूछा क्या पसंद है तुम्हें?
मैं बहुत देर तक उसको देखती रही.!!

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2 OCT 2022 AT 0:30

कोई एक यह भी अफवाह तो उड़े तुम्हारे नाम से जानाँ !
कोई आ कर ये कहे कि, तुम्हें मोहब्बत है मुझसे..!!

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