Darta hu sahab kisi ke yaha aane jaane se, najane mjhh par kon kab kisi ko bigadne ka ilzaam laga de, khud k to sambhalte nhi aur mjho sambhalne ki hidayat dete hain.
किस कदर तुमको चाहते थे ये खुद ही ना समझ पाए, तुमको किस तरह बताते तुम्हारे नाम सुनते ही खो जाते हैं तुम्हारी दुनिया में तुम्हारे सामने आते ही सुकून सा मिलता है और लबो पे आती हो जब तुम, तो इस जुबां से निकलती है आह। ये चुस्की चाय की 😜😍