सुनाऊं तुम्हें क्या अब गफलत की बातें
वो करता ही नहीं अब मोहोब्बत की बातें,
चूम लेता था जो सारे आम महफिलों में मुझको
हजम नहीं होती उसकी अब इजाजत की बातें,
उसके चेहरे की रौनक हैरान कर देती है मुझे
कोई भी कर लेता उससे मेरी अब तोहमत की बातें,
मेरी फिकरमंदी उसे बंदिशें लगती हैं 'कुंदन'
वो समझता ही नहीं इन्हें अब हिफाजत की बातें।।-
प्यार उससे करोगे जो निभाने की हिम्मत रखता है तो इश्क़ क... read more
कितना सुकून था आंखों में तेरे ख्वाब से पहले
मैं तन्हा था मगर खुश था तेरी याद से पहले,
अभी बेचैन हूं मर रहा हूं तिनका तिनका
मैं ठीक था बेमिसाल था इलाज पहले,
अब कोई ख्वाहिश बाकी नहीं रही इस दिल में
हाय! मैं कितना रूहानी था बेताब था जवाब से पहले,
दोनों ही खामोश बैठे हैं अब हिज़्र में कहीं "कुंदन"
कितना शोर शराबा था हमारे बवाल से पहले.....-
उजड़े हुए शहरों में बाजार नहीं लगता
खबर सच्ची है ये, कोई अखबार नहीं लगता,
तेरा तुझे खुद को मालूम है 'कुंदन'
जो तू अंदर है वो तू बाहर नहीं लगता,
अकेले में करता है पागलपंतीयां बहुत
महफिल में भी तू मुझे समझदार नहीं लगता,
कोई चाहता है तुझको बेइंतिहां 'कुंदन'
फिर ये सब क्यों तुझे चमत्कार नहीं लगता,
चेहरे पर झलकती है मासूमियत तेरे
फक्त ना जाने क्यों तू ईमानदार नहीं लगता,
किया भी नहीं तूने किसी से कभी कोई दगा
फिर क्यों किसी को तू वफादार नहीं लगता,
तेरी आंखों में देखा है मैंने टूटा हुआ ख्वाब
इसलिए ये दिल तेरा कहीं बार-बार नहीं लगता,
तुझे कोई समझे तो कैसे समझे 'कुंदन'
मुझे तो यहां कोई इतना समझदार नहीं लगता....✍️-
इश्क का दरिया सूखा है तो क्या गम...
ये मशक्कत करेगा जल भी लायेगा,
ये आशिक थोड़ा पागल सा है "कुंदन"
आज गली में आया है कल घर भी आयेगा,
थोड़ा सा भोलापन क्या देखा, के तुम फ़िदा...
अरे वो सीतमगार है, बस सितम ही ढायेगा,
चाकू छुरी औजार से तो बचा लें खुद को...
लोगों की बुरी नजरों से कौन बचाएगा,
खुशियां दी हैं किसी ने तो ज्यादा खुश मत होना...
वक्त बदलेगा वो ही बात बात पर रुलाएगा,
इंतजार रहेगा तुम्हारी बस एक गलती का...
फिर झूठा भी सब सच सच बताएगा,
शराब सिगरेट पीने से कुछ खास नहीं होता...
तुम्हारा आस्तीन का चढ़ाना तुम्हें बदनाम कराएगा।।-
तुम्हें देख कर लगता नहीं के किसी का डर है
मुझे छोड़कर तुम्हें ओर सबकी फिकर है,
मैं ही दिखाई नहीं देती हूं तुम्हे 'कुंदन'
बाकी तो हर तरफ तुम्हारी नज़र है,
अपनी ही दुनियां में खोए रहते हो बस
ना किसी की खैर है, ना किसी की खबर है,
कहते हो इश्क बेइंतिहां है तुमसे जाना
जताते क्यों नहीं गर इतनी ही कदर है,
तुम ख्याल रखा करो इश्क के फूल का
पानी का मोहताज है, ये जो प्यार का शजर है।।-
यदि कोई व्यक्ति आपके लिए अपने पूर्व संबंधों, व्यक्ति, वस्तुओं के साथ छल अथवा त्याग कर सकता है, तो कल वह उसी प्रकार किसी और की इच्छा रखते हुए आपके साथ भी छल अथवा आपका त्याग कर सकता है...
क्योंकि ऐसे इंसान की प्रकृति(Nature) भले ही समान रहे, परंतु उसकी प्रवृत्ति(Trend) बदलती रहती है।
-:गीता रहस्य:--
मुझको ये नसीहत दी जाए,
जब दिल टूट जाए तो क्या किया जाए?
तुम्हें देख कर लगता तो नही के किसी गुरुर में रहते हो
तुम बेदर्द हो दिल तोड़ते हो, अपने ही शुरूर में रहते हो,
कभी जब दिल टूटेगा तुम्हारा
तो तुम्हें याद आयेगा चेहरा हमारा,
खैर! हम इस दर्द ए दिल की दवा करेंगे
तुम्हे भी लगे इश्क का रोग दुआ करेंगे,
तुम एक दिन अपनी गलती पर बड़ा पछताओगे,
हम तो भूल जायेंगे जैसे तैसे जाना
तुम चाहोगे तो भी भूल नही पाओगे...-
इस इक डर से ख्वाब देखता नहीं
मैं जो भी देखता हूं भूलता नहीं,
किसी मुंडेर पर कोई दिया जला
फिर उसके बाद क्या हुआ पता नहीं
"तहज़ीब हाफी"
उसके बाद एक अंधी सी आई और दिया बुझा
फिर जो देखना चाहते थे वो दिखा नहीं,
उसके आंसू गालों पर क़ाजल बहा लाए
फिर चेहरा उतरा और कभी खिला नहीं,
घर के अंदर और आंगन में कहां नहीं ढूंढा
एक बार गुम हुआ मन तो फिर मिला नहीं...-
तन्ने सोच सोच क घणा रोया करता
दुःख भरे गाणे सुण क सोया करता,
मेरे नसीब में ना था वो यार
जो मेरे दिल के म होया करता,
हाथ न जोड्या करदा बाबा आग्गै यो पागल
तुझे हत्था की लकीरां म टोह्या करता,
जे तू मिल जांदी मन्नै ते सब मिल जांदा
नू सोचूं था अक् फेर नू होया करता- नू होया करता,
मन्नै पल पल हर पल ऊपर आले ते मांगा तुझे
मैं हर उस जगह गया जहां भगवान होया करता,
पतानी कैसे कैसे सम्भाल गया ख़ुद न मैं पागल
सोच लिया माड़ी किस्मत वालो गेल अच्छा ना होया करता,
बस तू मुझे ईब नूए होर बता दे "कुंदन"
उसका के होया करे, जो कहीं का ना होया करता...🙏-
कई कई दिन हो जा हैं
पर ईबे बात ना करती,
पहले रोज़ मिलन की कह थी
ईबे मुलाकात ना करती,
जिब लड़ा करै थी तो अपनी सी लाग्या करे थी 'कुन्दन'
चाहे कोए बी मसला हो
ईबे बहस ही ना करती...-