अपने गमों को मुस्कुरा के छिपा रहा हूँ
भिंगी पलकों को धूल का बहाना बता रहा हूँ
चाहत है कई मेरे पर अब धीरे धीरे सुला रहा हूँ
चिराग तले अब जिंदगी दबा रहा हूँ
Ehsaas-E-Akshay ❤
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वक्त ने वक्त के नजाकत को समझा नहीं
हाल ए ब्यान हमसे कुछ हुआ नहीं
उन कातिल नजरों ने नजरों को पढ़ा नहीं
बाहर के जख्म तो भरते रहे सब
अंदर के हालात किसी ने पुछा नहीं
Ehsaas-E-Akshay❤-
पहाड़ो पेड़ों वादियों की बातें कौन करता है
आँखों बालों होठों की बातें कौन करता है
ये दुनियाँ है साहब
यहाँ पैसों से घर चलता है ...
Ehsaas-E-Akshay❤-
कुछ लोग पिंजरे में पंछी आजाद कर जाते हैं
कुछ लोग काल-कोठरी में दफन ख्वाबों को रोशनी की चिराग जला जाते हैं
कुछ लोग मन के घाओ को समझ जाते हैं
बस निगाहों को तलाश है एेसे लोगों की-
ना जाने कैसी ये मोहब्बत करता हूँ
ना जाने किसकी राहें तकता हूँ
यादों में उसके तन्हा सा रहता हूँ
स्वपन में कितनी दफा उससे मिलता हूँ
ना जाने कैसी ये मोहब्बत करता हूँ
Ehass_E_Akshay ❤
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"तस्वीर"
हर तस्वीर की अपनी एक कहानी होती है
कितने ही सुख दुःख की, अकेली निशानी होती है
दफन हुए यादों को भी पल में कुरेद जाती है
हाँ ये तस्वीर ही है, जो हर रिश्ते को सजाये रखती है
Ehsaas-E-Akshay ❤-
इतनी जल्दी थी जाने की तो आये ही क्यों
नहीं था कोई लगाव तो फिर मुस्कराये क्यों
जख्म देना ही था, तो खनजर पिछे चलाया क्यों
करना ही था छल हमसे तो फिर नजरों से नजरें मिलाया क्यों??
Ehsaas-E-Akshay ❤-
शुलगती शामों में दहकते शोले हो
हम दोनों के बीच में ना कोई असमंजस के घेरे हो
तु मुझमे मैं तुझमे टूट पडु एेसे जैसे मैं कवि की स्याही तुम कोई कोरा कागज़ हो
Ehsaas-E-Akshay ❤-
वक्त ढलते, वक्त नहीं लगता
जलते हुए मोमबत्ती को पिघलते
देर नहीं लगता
सिर्फ मोहब्बत से, अपना पेट नहीं भरता
हाथों की लकीरों से
जीवन का खेल नहीं बदलता
बिना किसी हमसफ़र के
जिन्दगी नहीं गुजरता
Ehsaas-E-Akshay ❤
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ये जाती मसले
ये शियासती मसले
इसमें ना घसीटो हमें ओ बन्दे
शुकून से जीने दो
जीविका चलाने दो अपने
Ehsaas-E-Akshay ❤
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