Akshay Kulshrestha   (अक्षय कुलश्रेष्ठ)
5 Followers · 4 Following

Joined 3 June 2020


Joined 3 June 2020
3 JUL 2024 AT 22:50

मेरा बिस्तर मुझे अब सोने नहीं देता । पता नहीं बहुत कुछ सोचना चाहता हूँ मैं उस पे सोते सोते पर अब मुझे वो अब सोने नहीं देता।

-


27 SEP 2022 AT 22:54

अकेला हु अकेला था और अकेला ही रहूँगा पर सब को देखा दूँगा।।

-


19 SEP 2022 AT 23:06

मेरे पास है तू... मेरे साथ है तू... ये दुरिया तो बस नाम की है मेरे दिल में आबाद है तू।।

-


18 SEP 2022 AT 2:21

लालचिओ के शहर में टैग भूखे नही मरते ।।

-


22 JUL 2022 AT 8:11

बहुत कश्मकशव में है ये ज़िन्दगी
समझ नही आता हैं ये रोते कैसे है
सुना है रोने से सब ठीक हो जाता हैं।।

-


25 JUN 2020 AT 0:10

मुस्कारते चहरो का राज है गहरा

-


6 JUN 2020 AT 21:53

चलो चलते है एक सफर पे जिससे ज़िन्दगी कहते है
देखते है कौन कहा मिलता और कौन कहा छोड़ता है

-


Seems Akshay Kulshrestha has not written any more Quotes.

Explore More Writers