Akshay Jain  
1.8k Followers · 3 Following

Joined 23 May 2019


Joined 23 May 2019
5 MAR 2021 AT 12:45

सफाईया देना तो दुर की बात हे,सफाईया देना तो दुर की बात है,ए दोस्त , मेने तो अपने हक मे बोलना भी छोड़ दिया।😑

-


14 OCT 2020 AT 21:33

वक्त के साथ तुम बदलोगे पर तुमारी यादे हर पल साथ रह जायेगी,,चांद की चान्द्नी सी जिन्दगी के अन्धेरे मे तुम ही नजर आओगी ।

-


23 JUN 2020 AT 9:29

जिन्दगी की दौड़ मे,,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया,,
हम सिख ना पाये फरेब ,
ओर दिल बच्चा ही रह गया.....

बचपन मे जहा चाहा हस लेते थे,
जहा चाहा रो लेते थे,,,
पर अब मुस्कान को तमिज चाहिये
ओर आसुओ को तन्हाई .....

चलो मुस्कुरने की वजह ढूंढते हैं,
जिन्दगी तुम हमे ढूंढ़ो,
हम तुम्हे ढूँढते है ।

-


19 MAY 2020 AT 21:25

साहब वो उबलते हुए आसुओ के प्याले लेकर लौटे हे,,
वो मजदूर निवाले कमाने गये थे पर पैरो पर छाले लेकर लौटे है ।
Lockdown ,sad stories

-


15 APR 2020 AT 10:46

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है
मौत को आंखें मिलाने की जरूरत क्या है

सबको मालूम है की बाहर की हवा है कातिल
यूंही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है

जिंदगी एक नैमत है उसको संभाल कर रखो
कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है

दिल बहलाने के लिए घर में वजह है काफी
तो फिर गलियों में भटकने की जरूरत क्या है

लॉक डाउन का पालन करें और अपने घर में सुरक्षित रहें।

#stayhome

-


11 APR 2020 AT 16:40

सच्चे किस्से शराबखाने मे सुने हैं,
वो भी हाथ मे जाम लेकर,
झूठे किस्से अदालत मे सुने,
वो भी हाथ मे गीता-कुरान लेकर.....।

Movie effect

-


10 APR 2020 AT 23:56

घर गुलजार,सुनी शहर की बस्ती बस्ती हो गयी ,,,
देश को बचाने के लिये घर मे आज देश की बड़ी बड़ी हस्ती रह गयी ,,,आज फिर जिन्दगी महँगी ओर दोलत सस्ती हो गयी।

-


6 APR 2020 AT 23:04

दर्द कागज पर मेरा बिकता रहा,
मे बेचैन था,रात भर लिखता रहा,

छू रहे थे सब बुलन्दिया आसमान की,
मे सितारो के बीच चांद सा छिपाता रहा,

गर अकड होती तो कब का टुट गया होता,
मे नाजुक डाली सा सबके आगे झुकता रहा,

बदले यहा लोगों ने रंग अपने अपने ढंग से,
रंग मेरा भी निखरा पर मे महँदी सा पिसता रहा,

जिनको जल्दी थी वो चल दिये मंजिल की ओर,
मे समंदर सा राज़ गहराई का सीखता रहा,

हा मे बेचैन हो कर रात भर लिखता रहा ....✒✒

-


2 APR 2020 AT 22:55

😍जिन्दगी से हर पल एक मौज मिली
कभी -कभी नही हर रोज मिली,,
मांगा था एक अच्छा दोस्त जिन्दगी से,
पर मुझे तो यहा पूरी विद्वानो की फौज मिली।😎

-


29 MAR 2020 AT 17:14

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता...

-


Fetching Akshay Jain Quotes