Akshay Gawade   (✍ Actor.Akki)
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Joined 5 November 2017


Joined 5 November 2017
9 JUN 2022 AT 14:48

मैं जाऊं भी तो
किस ओर चला जाऊं ...
हर तरफ ही तो
मुझे गम घेर लेता है।
कोशिश करता हूँ
रोज खुश रहने की
ये चेहरा हंसता हुआ
कभी भी साथ छोड़ देता है।

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8 JUN 2022 AT 23:40

दिन बदल जाता है ,
महीने गुज़र जाते है ।
साल बदल जाता है ,
वक्त गुज़र जाता है ।
नज़रे बदल जाती है ,
नज़रिया बदल जाता है ।
लोगों के देखने का -
तरीका बदल जाता है ,
हम वहीं रहते है ,
सिर्फ आप चले जाते है ।
मौसम की तरह -
आप बदल जाते है ।

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8 JUN 2022 AT 23:37

आ एक शाम संग बैठते है ,
कुछ हम कहते है ,
कुछ तुझसे सुनते है ।
आ एक शाम संग बैठते है ,
सुने आसमानों मे रंग करते है ,
प्यार के पलों को याद करके ,
खुशियों को अपने संग करते है,
आ एक शाम संग बैठते है ।

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8 JUN 2022 AT 16:08

राग सगळ्यांना दिसतो पण रागातले प्रेम काळजी ओळखणारे फार कमी असमतात ❤️

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8 JUN 2022 AT 16:02

प्रश्न नेहमी वाकडे तिकडे असतात पण उत्तर मात्र सरळ हवं असत

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8 JUN 2022 AT 14:52

समोरच्या माणसाची आणि आपली लायकी काम झाल्यावर कळते

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7 JUN 2022 AT 9:08

मुझे शून्य की तलाश है,
जो मुझमें जुड़े,
बस मेरा हो जाए सिर्फ मेरा,
जैसे गणित में होता है,
ये जिंदगी भी गणित ही तो है ना?
कभी किसी का जुड़ना,
तो कभी किसी का बिछड़ना,
नहीं बिछड़ता बस शून्य,
क्योंकि वो बस दूसरों के लिए जीता है,
हमेसा साथ अडिग सा,
उसके बराबर में खड़े होने से बस,
खुशियां दस गुनी हो जाती हैं,
बस मुझे अपने शून्य की तलाश है,
क्या आप मेरे शून्य बनोगे?

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29 MAY 2022 AT 1:30

दर्द आँखों मे समा कर के ,
शब्दों को गले लगा कर के ,
इश्क लिखने चले थे ।
कलम हाथों मे उठा कर के ,
पन्नों पर श्याही बहा कर के ,
जख्म लिखने चले थे ।
यादों को अल्फाज़ बना कर के ,
बातों की तलवार चला कर के ,
दिल जीतने चले थे ।
लोगों से दूरिया बढ़ा कर के ,
शायरी से नजदिकिया मिटा कर के ,
शायर बनने चले थे ।
गुलाबों को मुरझा कर के ,
काटों से यारी निभा कर के ,
प्रेम ढूंढने चले थे ।

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28 MAY 2022 AT 0:19

मतलब
ये मतलब शब्द भी क्या कमाल का है
मतलब हो तो गैर भी अपने बन जाते हैं
मतलब ना हो तो अपने भी गैर बन जाते हैं
कभी मतलब का आशय दूसरों की भावनाओं को समझने से होता था
आज मतलब का अर्थ है स्वार्थ सिद्ध करने से होता है
कभी लोग रिश्तो से मतलब रखते थे
आज मतलब से रिश्ते रखते हैं
यह मतलब शब्द भी क्या कमाल का है

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15 MAY 2022 AT 11:06

क्या गजब कलमकारी करते हैं यहां लोग,
अल्फाज़ से अदाकारी करते हैं यहां लोग,,
जज्बात बयां समझदारी से करते है यहां लोग,
बस इश्क नहीं ईमानदारी से करते हैं यहां लोग,,

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