व्यवहार और विचार हमारे
बगीचे के वो फूल हैं
जो महकदार रिश्तों के फुल खिलातें है
~ अक्षयकुमार चौहान
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बहुत कम समझने वाले
और बहुत कम समझाने वाले मिलते है
जमाने मे उनका ख्याल रखें
~ अक्षय कुमार चौहान-
मन जब भूखा होने लग जाये तो उसे
अच्छे विचार दीजिये खाने के लिए
वर्ना वो आपको ही खाने लग जायेगा....
~ अक्षय कुमार चौहान-
किसी के चले जाने से प्रेम ना होने
और किसी के ठहर जाने से प्रेम होने
को तय नहीं कर सकता है
चले जाना और ठहर जाना तो इच्छाएं हैं,
परिस्थितियां हैं
प्रेम इनसे बेहद ऊपर है .....
~ अक्षय कुमार चौहान-
उम्मीद जब कम होने लगती है तो तकलीफ भी कम हो जाती है , व्यक्ति अपनी लगाई गई उम्मीदों से ही घायल होता है
~ अक्षय कुमार चौहान-
सितंबर हरे हरे पत्तों को सहजने
वाला दराज़ है...
~ अक्षय कु. चौहान
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जहां मन दिल एक बार भी ना टूटे
वहां नयी पत्तियां साख नहीं आते....
~ अक्षय कु. चौहान-
बरस़ात जो आज फिर से बरस रही है
यादों की बस फिर से चल रही है...
~ अक्षय चौहान
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जब मन किसी से भर सा जाये
लाजव़ाब भी बेकार लगता है....
~ अक्षय कुमार चौहान-
जीवन खूबसूरत विचार धाराओ
की जननी होती है
छुआछुत,जातिगत भेदभाव ,
सामाजिक भेदभाव की नहीं..।
~ अक्षय कुमार चौहान-