ऐ ख़ामोशियां, ये सन्नाटे, ये हवाओं का शोर,
सुनो तुम्हारे आने का इंतजार इनको भी है ... ♥️-
Akshat Pushpam
(Atulyaaroh.)
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Every one will leave...
Joined 4 December 2018
24 JUN 2022 AT 23:24
22 JAN 2022 AT 20:53
लड़ झगड़ कर बिन बतियाये गर सो भी जायें हम रातों को,
सुबह की चाय तुम मेरे साथ ही पिना ।
- आरोह 🍵♥️-
22 JAN 2022 AT 20:52
लड़ झगड़ कर बिन बतियाये गर सो भी जायें हम रातों को,
सुबह की चाय तुम मेरे साथ ही पिना ।
- आरोह 🍵♥️-
13 SEP 2020 AT 0:13
शक तो पुरे शहर को है मेरे शायरी में वो शख्स कौन है
मेरे लबों की खामोशी उसको यकीन बनने नहीं देती ।-
19 JAN 2022 AT 2:24
वो सफर मे पहले से था किसी और के साथ
हम खामखां उसे हमसफ़र समझ बैठे ।-
14 JAN 2022 AT 9:45
भीड़ मे तलाश तेरे चेहरे की,
शोर मे ख्वाहिश तेरे पुकार की,
ख़्वाबो मे कुछ पुरानी ख्वाहिशे सवाल करती हैं,
एक हकीकत एक वहम ...-
13 JAN 2022 AT 9:14
जहां जीत के भी कुछ कमी सी लगती है
तेरे बिना आखों मे नमी सी रहती है...-
1 JAN 2022 AT 21:34
शोर मे भी खामोश, ख्याल मे गुम रहा,
मै तेरे पास रह कर भी कई सवाल मे गुम रहा ।
लोग बेठे बहुत थे मेरा हाल पुछने को
मै तेरे इंतजार मे गुम रहा ।-