उसने कहा , तुम्हें मनाना नहीं आता
हमने कहा , तेवर बगावती हैं हमारे-
अक्स
(अक्स 🍁)
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महसूस करो मेरे साथ अपने दिल के " भाव "
दिख जाएंगे शब्दों में तुमको, तुम्हारे हीं " घाव "
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दिख जाएंगे शब्दों में तुमको, तुम्हारे हीं " घाव "
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Joined 7 August 2020
17 APR AT 7:58
मंज़िल का पता ना पूछो , हम तो बस सफ़र में हैं ,
सुनो! आज इस शहर, तो कल उस शहर में हैं ,
और परेशां है वो जानने को वज़ह, तो बस इतना ही
ख्वाहिश नहीं कोई , हम तो बस हर डगर में हैं !
मंज़िल का पता ना पूछो , हम तो बस सफ़र में हैं !!-
11 APR AT 13:52
गुफ़्तगू के लिए , "गुफ़्तगू" का होना जरूरी है ,
मदहोशी के लिए , बाहों में खोना जरूरी है ,
और लिखा करेंगे हम भी , दिल की बात मगर
"सुनो ना" के लिए , उनका सुनना जरूरी है ll-
26 MAR AT 15:08
गुज़रते हैं जब भी , मुड़ती नज़रें बता देती हैं ,
किरदार में अब भी , बहुत जान बाकी है !!-
14 MAR AT 8:13
*होली" का "रंग"
" खुशियों", से "सराबोर" कर दे,
"मालपुआ","जीवन में" "मिठास" भर दे,
"ठंडई"," मन" को "शीतल शांत" कर दे
इसी मंगलकामना के साथ आपको,
आप सभी को
हमारी तरफ से
"होली" की हार्दिक शुभकामनाएं ll
🙏-