अक्स   (अक्स 🍁)
488 Followers · 89 Following

read more
Joined 7 August 2020


read more
Joined 7 August 2020
17 APR AT 11:00

उसने कहा , तुम्हें मनाना नहीं आता
हमने कहा , तेवर बगावती हैं हमारे

-


17 APR AT 9:29

बटोर ले गए साथ किए सारे गुफ़्तगू ,
हम तलाश में बस छत देखते रह गए l

-


17 APR AT 7:58

मंज़िल का पता ना पूछो , हम तो बस सफ़र में हैं ,
सुनो! आज इस शहर, तो कल उस शहर में हैं ,

और परेशां है वो जानने को वज़ह, तो बस इतना ही
ख्वाहिश नहीं कोई , हम तो बस हर डगर में हैं !

मंज़िल का पता ना पूछो , हम तो बस सफ़र में हैं !!

-


17 APR AT 7:24

-


11 APR AT 13:52

गुफ़्तगू के लिए , "गुफ़्तगू" का होना जरूरी है ,
मदहोशी के लिए , बाहों में खोना जरूरी है ,
और लिखा करेंगे हम भी , दिल की बात मगर
"सुनो ना" के लिए , उनका सुनना जरूरी है ll

-


10 APR AT 11:26

गुफ़्तगू..!!

(61 वीं कड़ी)

-


26 MAR AT 15:08

गुज़रते हैं जब भी , मुड़ती नज़रें बता देती हैं ,
किरदार में अब भी , बहुत जान बाकी है !!

-


23 MAR AT 12:47

-


14 MAR AT 8:13

*होली" का "रंग"
" खुशियों", से "सराबोर" कर दे,
"मालपुआ","जीवन में" "मिठास" भर दे,
"ठंडई"," मन" को "शीतल शांत" कर दे

इसी मंगलकामना के साथ आपको,
आप सभी को
हमारी तरफ से
"होली" की हार्दिक शुभकामनाएं ll
🙏

-


9 MAR AT 15:45

-


Fetching अक्स Quotes