Akriti khokhar   (आकृति_खोखर🖋)
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Joined 1 June 2020


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Joined 1 June 2020
12 JUN 2023 AT 0:18

अजीब है ना।

कितना अज़ीब है ना, जितने रिश्तों के पास जाओगे
उतना दूर होते हैं लोग...।
कितना अज़ीब है ना, जितना उन्हें चाहोगे
उतना ठुकराते है लोग...।
कितना अज़ीब है ना, धोखा खाने पर भी ,
फिर से धोखा खाते हैं लोग...।
कितना अज़ीब है ना, आज तक कौन अपना या कौन पराया,
नहीं पहचान पाते हैं लोग..।।
अजीब है ना।।।

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11 FEB 2023 AT 23:47

अहद वो अनकहा, सुनता है जो,
लफ्ज़ वो अनकहे,🫂 🫂बुनता है जो,।।
उंगली थामे नन्हीं किलकारी,पुकारती है जो,
ये सब समझता है जो ,वो इश्क है याद आ रहा।।
❤️❤️

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27 NOV 2022 AT 1:41

ना जरूरत बना,,।
ना जरूरत बनाया...।।

ना उम्मिद दी...।
ना उम्मिद बनाया..।।.

ना साथ चला..।
ना साथ चलाया...।।

क्या ही रिश्ता था वो..
दो पल साथ चला ...!
अकेले चला गया ।।...🙌

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15 JUN 2022 AT 2:10

*अर्जी*

अ खुदा🙏🙏🙏
गर है मौजूद,तो इंसाफ कर तू,

जानता है सब तू,
इन ढ़कौसलो के सहारे अब जिया नहीं जाता,

नहीं कर सकता इंसाफ गर तू,
तो मुझे मौन बनादे तू..

कि ना कर सकू,शिकायत तुझसे भी,
यही अरजी करले कबूल अब तू मेरी...!!

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18 MAY 2022 AT 20:16

*वक़्त की आंधियाँ*
मुझे खुद में ही समेट रही है,
कुछ इस तरह कचौट रही है,
उठ रही है मानो,लौं,एक बेचैंनी की
जल रहे है ,अंतःमन में ही कही,
चल उठ अब बहुत हुआ,
तेरी नहीं ये ,अब उनकी बारी है,
जो हुआ बस भूल जा,
हार मत कि असल जंग,
अभी जारी है !!

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15 MAR 2022 AT 22:49

छोड़ दिया वो ख्वाहिश का अम्बर
बस अब जीना ही तो है,साथ उनके.!

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5 FEB 2022 AT 18:28



हालातों की हारी,
और वहां,ना हो अपना कोई 😔

होते है अपने ऐसे ?.....हाँ अगर ।।
तो बना दो गैर मुझे ...!🙏🙏— % &

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31 JAN 2022 AT 23:57


अपनों से बेसहारा
और वक्त का हारा ...
बहुत गिरता है ...
पर जब उठता है ना
पहले से कहीं ज्यादा
....स्ट्रांग होता है!!— % &

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24 JAN 2022 AT 23:18

जज़्बात

हर बात बोलकर नहीं बताई जाती...
जज़्बात दिल के दरमियान ही रहे,तो काफ़ी है .
वो बिन कहे अल्फ़ाज़ ही काफ़ी है....
उनसे एक मुलाकात ही काफ़ी है...!!

वो हाथों में उनके हाथ ही काफ़ी है..
लफ़्ज़ों पर वो‌ बिन‌ कहे लफ़्ज़ ही काफ़ी है...
नयनों की वो समझ ही काफ़ी है....
वो उनसे एक मुलाकात ही काफ़ी है..!!

वो मौसम का मिजाज काफ़ी है...
उसमे वो कोफी की मिठास ही काफ़ी है...
वो पहला एहसास ही काफ़ी है...
वो उनसे एक मुलाकात ही काफ़ी है..!!

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15 JAN 2022 AT 14:52

जिसे टूट कर चाहा,
अपनो से भी ज्यादा अपना बनाया,
उसने अपना बनाया ही नहीं😔...!

नुमाइश की मेरे इश्क की हर वक्त जिसने,
तोहीन की मेरे जज्बातों की जिसने,
गैरों के ख़ातिर अपना फ़र्ज़ निभाया ही नहीं..!

उसे आज हमने भी अंजाना कर दिया,
उनकी ही मैफिल में आज हमने,
उन्हें अपनाने से इन्कार कर दिया...!!

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