तलाश करता था जिसमे मुहब्बत को अपनी नाराज़ करके वो गुमशुदा हो गए कटते थे दिन जिनकी सोहबत में तन्हा करके ना जाने वो कहा खो गए इंतज़ार करता रहता हूं हर पल उनका अपने लम्हे कुछ नाम कर दे वो मेरे हासिल ना कर सका मुदत्तों से उनको ना जाने वो कहां खो गए...।
Na jane konsi kashish thi tabassum me tere Umr bhar ke liye yadein de gya... Na jane kitni azmais thi marasim me tere Umr bhar k liye ranjishein de gya...