"जब भी सुनता हूँ नेताओं के वादे...
तुम मुझें और याद आनें लगती हो..!!❤-
वादों और क़समों के बीच में
फंस कर दम तोड़ देती है मोहब्बत !
" वादा है तुमसे कि कोई वादा ना होगा ! "-
एक इश्क़,दो दिल,
ढाई शब्द,हज़ार ख्वाब...
बेहद प्यार और बेइंतहा इंतज़ार... और फिर सब .....?-
वो कहती रही कि तुम मेरे हो
और मैं सुनना चाहता था की मैं तुम्हारी हूँ..😔-
आहिस्ता चल जिंदगी , अभी
कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है
रफ़्तार में तेरे चलने से
कुछ रूठ गए कुछ छूट गए
रूठों को मनाना बाकी है
रोतों को हँसाना बाकी है
कुछ रिश्ते बनकर , टूट गए
कुछ जुड़ते जुड़ते छूट गए
उन टूटे - छूटे रिश्तों के
जख्मों को मिटाना बाकी है
कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं
कुछ काम भी और जरूरी हैं
जीवन की उलझ पहेली को
पूरा सुलझाना बाकी है
#Akram khan
जब साँसों को थम जाना है
फिर क्या खोना , क्या पाना है
पर मन के जिद्दी बच्चे को
यह बात बताना बाकी है
आहिस्ता चल जिंदगी , अभी
कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है !
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