वो जो दूसरों के साथ मुस्कुराते हैं,
बस खुद को खुश रखना भूल जाते हैं।-
akib
(akki)
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I write better than I speak.
Joined 20 December 2018
8 JAN 2022 AT 0:15
कभी मिल जाता है वो अंधेरे में रोशनी बनकर,
और कभी यूं ही रोशन चिराग को बूझा जाता है,
नजर नहीं आता अक्सर वो लाख कोशिश के बाद भी,
गर खुद मन हो तो बिना इजाज़त चला आता है।-
8 JAN 2022 AT 0:07
उसकी बातें हमेशा उसके अकीदे से मुख्तलिफ रही है,
ऐसा कुदरतन दिखाई भी देता है और महसूस भी होता है ।-
7 JAN 2022 AT 23:56
कभी बे_इनतेहा तवज्जों दी तो कभी नज़र_अंदाज़ कर दिया,
हम भी ज़िद्दी थे जिस हाल में रहे बस तेरे खयाल में रहे।-
25 NOV 2021 AT 21:29
कभी कभी सन्नाटे बहुत शोर करते हैं,
और कभी कभी शोर बहुत होता है पर बेआवाज होता है।-
25 NOV 2021 AT 0:54
क्या हो अगर सांसों का सिलसिला तो खत्म हो
पर ज़हन में मुश्किलें सलामत रहें।-