कुछ हादसे, हक़ीक़त की ख़ुशी में तब्दील हो गये,ख़ुशी में मदहोश हम रहे और ग़लतियों के शिकार हो गये। -
कुछ हादसे, हक़ीक़त की ख़ुशी में तब्दील हो गये,ख़ुशी में मदहोश हम रहे और ग़लतियों के शिकार हो गये।
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इज़्ज़त दिल से होती गई और आँखों से जताई जाती हैं,हर रिश्तें की नींव अक्सर ईमानदारी होती हैं। -
इज़्ज़त दिल से होती गई और आँखों से जताई जाती हैं,हर रिश्तें की नींव अक्सर ईमानदारी होती हैं।
चीज़ें धुमारियाँ है कुछ हासिल करने किबस ये मन की चाहतें है जो हासिल करने की तलब रखती हैं। -
चीज़ें धुमारियाँ है कुछ हासिल करने किबस ये मन की चाहतें है जो हासिल करने की तलब रखती हैं।
पूरे 24 घंटों में सेबस रात में कुछ सुकून के पल मिलते है,बाक़ी वक़्त तो अक्सर सभी ज़िम्मेदारियों और हालातों में खोये रहते हैं। -
पूरे 24 घंटों में सेबस रात में कुछ सुकून के पल मिलते है,बाक़ी वक़्त तो अक्सर सभी ज़िम्मेदारियों और हालातों में खोये रहते हैं।
याद बहुत आती है तुम्हारी इन रातों में,ओर तुम्हारी तस्वीर देखते-देखते ही अक्सर आँख लग जाती हैं। -
याद बहुत आती है तुम्हारी इन रातों में,ओर तुम्हारी तस्वीर देखते-देखते ही अक्सर आँख लग जाती हैं।
ये रातें भी काफ़ी अच्छी लगती हैं,एक फ़िक्र के साथ सुकून महसूस कराती हैं। -
ये रातें भी काफ़ी अच्छी लगती हैं,एक फ़िक्र के साथ सुकून महसूस कराती हैं।
उम्मीदों के सहारे चल रही ये ज़िंदगी,और वक़्त का पता नहीं कब पैग़ाम भेज दें। -
उम्मीदों के सहारे चल रही ये ज़िंदगी,और वक़्त का पता नहीं कब पैग़ाम भेज दें।
इन कुछ घंटों की रात मेंसुकून के कुछ लम्हे अक्सर होते हैं,महसूस कर पाता है सिर्फ़ वहीजो पूरे दिन ज़िम्मेदारियाँ निभाने में जुटा रहता हैं। -
इन कुछ घंटों की रात मेंसुकून के कुछ लम्हे अक्सर होते हैं,महसूस कर पाता है सिर्फ़ वहीजो पूरे दिन ज़िम्मेदारियाँ निभाने में जुटा रहता हैं।
पूरे दिन अपनी दुनिया में खोये रहते है सब यहाँ,फिर रातों को दूसरों की दुनिया के क़िस्से सुनते हैं। -
पूरे दिन अपनी दुनिया में खोये रहते है सब यहाँ,फिर रातों को दूसरों की दुनिया के क़िस्से सुनते हैं।
जवानी की ज़िम्मेदारियों से बेहतर,बचपन की नादानियाँ ही बेहतर हैं। -
जवानी की ज़िम्मेदारियों से बेहतर,बचपन की नादानियाँ ही बेहतर हैं।