वह हमसे कुछ इस कदर रुठे हैं कि
मुलाकातें उनसे अब ख्वाबों में होती है।-
Follow for follow
Like for like
वह हमसे कुछ इस कदर रुठे हैं कि
मुलाकातें उनसे अब ख्वाबों में होती है।-
ये जो मंद मंद हवाएं चेहरे को छू रही है,
कभी उसकी उंलियां भी ऐसे ही छुआ करती थी।-
किससे करूं उसकी बातें,
कौन सुनेगा?
मैं कहूंगा मुझे प्यार है उससे,
और
जग हंसेगा।-
रिश्ता न जाने मेरा कितनों के साथ था,
पर ठहरा मेरा दिल तुझ पर आकर ।-
नाराज मैं भगवान से नहीं खुद से हूं,
कोसता में वक्त को नहीं खुद को हूं,
क्योंकि,
राह भले ही उनकी दिखाई हुई हो,
पर कदम तो मेरे थे।
-
काले बादलों का हटना मेरी ज़िन्दगी से शुरू ही हुआ था,
और फिर
सावन अा गया।-