Akhil Sain  
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Joined 8 April 2018


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Joined 8 April 2018
9 FEB 2019 AT 10:45

प्रेम कभी सरहदें नहीं बनाता.....वो बनाता है पुल ताकि पाटी जा सके दूरियाँ......
#akhilsain

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23 JAN 2019 AT 12:48

"प्रेम"
उस बच्चे के समान है
जिसे मालूम है छिन्न जाने वाला है बचपन....

फिर भी आंदोलित हो जुनून से जीता है
और फिर सौंप देता है जवानी को बचपन.....
#akhilsain

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16 JAN 2019 AT 21:27

प्रेम जो जन्मा है
कृष्ण की बंशी के सुरो से.....

जिसे बचपन दिया
जमना के निश्चल जल ने.....

प्रेम जिसे जवानी दी
राधा संग कृष्ण के रास ने.....

और बुढापा संवारा
मीरा की भक्ति राग ने.....

मृत्यु आयी
राधा से कृष्ण के विरह से....

और नैसर्गिक रहा प्रेम जीवन के अन्तःस्थल में.....
#akhilsain


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19 JAN 2022 AT 19:16

ये दरवाज़ों की आवाज़ है या हवाओं का ज़ोर
ये खिड़की अंतस को खोल दे फिर देख इश्क़ का दौर... #akhilsain

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11 DEC 2021 AT 10:01

ये तेरे हुस्न के जलवे
बारिश की मानिंद है
जितनी दफ़ा देखूँ तुझे
दिल भीगता ही जायें... #akhilsain

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28 NOV 2021 AT 21:19

दुनिया के सबसे गहरे दुख
युद्ध के घावों के है

वो घाव हमेशा आप को
उस मृत्यु का शोक मनाने पर विवश करते है
जिस से किसी के घर के चराग बुझ गए

वो शोक आत्मा के घाव को हमेशा कुरेदता है

किसी अनजान का ज़ख्म और दुख सहजना
युद्ध की निशानियों के तौर पर मिला दुख है...
#akhilsain

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5 SEP 2021 AT 12:52

निश्चित है की इस रण में, मैं हार जाऊ
​हार कर ज़िन्दगी के चक्रव्यूह में फंस जाऊ
​अनगिनत शब्द सर मुझ पर चलेंगे
​हार के कई लांछन मुझ पर लगेगें
​एक ही है जग में द्वार सदा जिसके खुले रहेंगे
​इस विकट परिस्थिति में भी मुझ को थामे रहेंगे
​फिर घेरना चाहे भी तो जग मुझको घेर ना सकेगा
​ बिछा के मार्ग में काटे भी मोद वो ले ना सकेगा
​विपत्तियों का अम्बार क्यों ना घात लगाये रहेगा
​हर परिस्थिति से जो मुझको बचाये रहेगा
​सत्य है ईश्वर के रूप में गुरु मुझको संवारेंगे
​गुरु ही मुझको जीने की राह बतलायेंगे
​गुरु ही जीवन के रण में सारथी बन गीता ज्ञान सुनाएंगे
​गुरु ही ईश्वर गुरु ही परम ब्रह्म,
​गुरु ही चेतना का दीपक, और ज्ञान का उजियारा चहुँ और फैलाएंगे
​गुरु बिन शिष्य इस सृष्टि में कहाँ रह पाएंगे.... #akhilsain

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5 SEP 2021 AT 12:37

शिक्षक वही है जो आप की कमज़ोरियों को पहचान ले
और एक मित्र भाती आप का मार्गदर्शन करे...यही एक अच्छे शिक्षक की पहचान है... #akhilsain

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29 AUG 2021 AT 9:46

जब कभी आप जीवन में शून्य हो जाए...तो ईश्वर रूपी अनंत से टकरायें...जीवन सुख दुःख से दूर वैराग्य रूपी अनंतता में सम्मिलित होगा..... #akhilsain

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28 AUG 2021 AT 19:47

सत्ता रूपी पेड़ में जब हलचल होती है...तो सिर्फ़ उसकी शाखें नहीं टूटतीं.... वह जड़ समेत उखड़ ज़मीन पर गिरता है धड़ाम....और छोड़ जाता है गहरा गड्ढा जो कभी नहीं भरता.... #akhilsain

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